GST : व्यापारियों को बड़ी राहत, छोटी गलती पर अब नहीं मिलेगी बड़ी सजा
सरकार ने जीएसटी के नियमों में कुछ ढील दी है। इसके तहत व्यापारियों को छोटी गलती पर बड़ा जुर्माना नहीं देना पड़ेगा।
गोरखपुर, (दुर्गेश त्रिपाठी)। जीएसटी में छोटी गलतियों पर अब व्यापारियों को बड़ी सजा नहीं भुगतनी होगी। जैसी गलती वैसा जुर्माना लगेगा। पांच तरह की छोटी गलतियों पर 15 सौ रुपये प्रति गलती के हिसाब से ही अब जुर्माना लगेगा। पहले छोटी गलतियों पर भी माल के मूल्य का 36 फीसद तक जुर्माना लगाया जाता था। इससे व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ता था। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाले जीएसटी पॉलिसी विंग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत जीएसटी के 13 अप्रैल 18 और 21 जून 18 के प्रावधानों को संशोधित कर दिया गया है।
अलग-अलग लगेगा जुर्माना
छह गलतियों होने पर प्रत्येक गलती का अलग-अलग जुर्माना देना होगा। सीजीएसटी की धारा 125 के तहत 500 रुपये प्रत्येक गलती पर और आइजीएसटी एक्ट के तहत एक हजार रुपये प्रति गलती जुर्माना देना होगा। नए नियमों का वकील व व्यापारियों ने स्वागत किया है। वाणिज्य कर और आयकर मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल पांडेय ने कहा कि नई व्यवस्था से व्यापारियों को काफी राहत मिल गई है। उन्हें दूसरे की छोटी गलतियों का बड़ा खामियाजा नहीं भुगतना पड़ेगा।
चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजय सिंहानिया ने कहा कि जीएसटी के नियमों में लगातार शिथिलता व्यापारियों की लड़ाई का परिणाम है। नए निर्देशों से सभी व्यापारियों में हर्ष है। थोक वस्त्र व्यवसायी वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश नेभानी ने कहा कि कपड़ा व्यापारी छोटी गलतियों का बड़ा खामियाजा भुगत चुके हैं।
इन गलतियों पर अब कम जुर्माना
- व्यापारी के नाम की स्पेलिंग गलत होना लेकिन जीएसटीएन सही होना।
- पिन कोड गलत होना लेकिन व्यापारी का पता सही होना।
- पते में गड़बड़ी पर अन्य डिटेल सही होना।
- ई वे बिल के डाक्यूमेंट में एक या दो अंक गलत होने पर।
- एचएसएन कोड के दो शुरुआती अंक सही होना पर आगे के अंक गलत होना।
- वाहन के नंबर का एक या दो डिजिट गलत होने पर।
व्यापारियों को होगा सीधा फायदा : एडिशनल कमिश्नर
एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू, वाणिज्य कर विभाग बीएन द्विवेदी ने कहा कि नए निर्देशों से सभी अफसरों को अवगत कराया जा रहा है। व्यापारियों को चाहिए कि वह ई वे बिल जेनरेट करने से पहले सभी तथ्यों को ठीक से पढ़ लें। अब तक गलतियों पर 18 व 18 फीसद की दर से जुर्माना वसूला जाता था। नई व्यवस्था से नि:संदेह व्यापारियों को फायदा होगा लेकिन व्यापारी ऐसी फुलप्रूफ व्यवस्था बनाएं कि कोई गलती हो ही नहीं।