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तमिलनाडु हेलीकाप्टर हादसा : सांसों की डोर टूटते ही गम के समंदर में डूबा ग्रुप कैप्टन वरुण का गांव

Tamil Nadu helicopter accident हेलीकाप्टर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह गुरुवार को बंगलुरु के आर्मी अस्पताल में आखिरी सांस ली। पैतृक गांव रुद्रपुर तहसील क्षेत्र के कन्हौली गांव में गुरुवार की दोपहर में करीब एक बजे फोन पर आई सूचना ने सभी को दहला दिया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 15 Dec 2021 01:58 PM (IST)Updated: Thu, 16 Dec 2021 07:38 AM (IST)
तमिलनाडु हेलीकाप्टर हादसा : सांसों की डोर टूटते ही गम के समंदर में डूबा ग्रुप कैप्टन वरुण का गांव
अपने पत्‍नी व बच्‍चों के साथ कैप्टन वरुण सिंह। - फाइल फोटो, सौजन्‍य कैप्‍टन वरुण के पर‍िजन

देवरिया, जागरण संवाददाता। TamilNadu helicopter accident: तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकाप्टर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बुधवार को बंगलुरु के आर्मी अस्पताल में आखिरी सांस ली। पैतृक गांव रुद्रपुर तहसील क्षेत्र के कन्हौली गांव में गुरुवार की दोपहर में करीब एक बजे फोन पर आई सूचना ने सभी को दहला दिया। वरुण के पिता कर्नल केपी सिंह तथा चाचा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह व परिवार के अन्य सदस्य बेंगलुरु में हैं। आठ दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकाप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत सहित 13 लोगों की मृत्यु हो गई थी। जिसमें ग्रुप कैप्टन वरुण घायल थे। जिनका उपचार आर्मी के अस्पताल में हो रहा था। वरुण के एक पुत्र व एक पुत्री हैं। पत्नी गीतांजलि व माता उमा सिंह,चाचा दिनेश प्रताप सिंह, उमेश प्रताप सिंह, रमेश प्रताप सिंह व अखिलेश प्रताप सिंह हैं।

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पांच माह पहले गांव आए थे वरुण

वरुण अपने पैतृक गांव कन्हौली पांच माह पहले लखनऊ में आयोजित एक शादी समारोह के बाद अपने पैतृक गांव भी आए। गांव में आसपास के लोगों से मुलाकात भी की थी। मिलनसार स्वभाव के वरुण ने सबका कुशलक्षेम पूछा था। सभी लोग उनकी बातों को याद कर भावुक हो रहे हैं।

वरुण भैया को ले गए थे फसल दिखाने

ग्रुप कैप्टन वरुण के पैतृक गांव कन्हौली में तीन पीढ़ियों से उनके घर की देखभाल करने वाले चंदन गोंड तीसरी पीढ़ी से हैं। रोते बिलखते चंदन बताते हैं कि भैया पांच माह पहले घर आए थे तो उनको खेत दिखाने ले गया था। वह फसल के बारे में जानकारी ले रहे थे। किस तरह से बीज डाला गया है। भैया काफी अच्छे व्यक्ति थे। वरुण भैया घर आएंगे इसी उम्मीद में था, यह बात बताते ही चंदन की आंखों से आंसू टपकने लगता है। गांव के सिंटू गोंड, रामू, हरिकेश विश्वकर्मा, राधेश्याम सिंह, कन्हैया, संदीप, सिकंदर कुशवाहा, विकास सिंह , शेषनाथ ठाकुर भी वरुण को याद कर रोने लगे।

एनडीए की परीक्षा पासकर बने वायुसेना में अधिकारी

वरुण सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई उड़ीसा में हुई। पह एनडीए की परीक्षा पासकर वायु सेना में अधिकारी बने। विंग कमांडर के पद से पदोन्नत होकर ग्रुप कैप्टन बनाए गए। उनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह आर्मी में कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वरुण के छोटे भाई तनुज सिंह मुंबई में भारतीय नौसेना में अधिकारी हैं। उनके पिता कर्नल कृष्ण प्रताप सिंह अपने छोटे बेटे के पास मुंबई गए थे। जहां वरुण के हेलीकाप्टर क्रैश में गंभीर रूप से झुलसने की जानकारी मिली।

राष्ट्रपति ने 15 अगस्त को शौर्य चक्र से किया सम्मानित

वरुण को अदम्य साहस के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 15 अगस्त को शौर्य चक्र से सम्मानित किया। वह 12 अक्टूबर 2020 को लाइट कांबेट एयरक्राफ्ट के साथ उड़ान पर थे। तभी फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम में खराबी आ गई। उन्होंने सूझबूझ से 10 हजार फीट की ऊंचाई से विमान की लैंडिंग कराने में सफलता हासिल की थी।

भोपाल में होगा अंतिम संस्कार, गांव से स्वजन भोपाल रवाना

कैप्टन वरुण का अंतिम संस्कार भोपाल में किया जाएगा। इसकी सूचना मिलने के बाद उनके पैतृक गांव खोरमा कन्हौली से उनके बड़े पिता दिनेश प्रताप सिंह एवं स्वजन भोपाल के लिए रवाना हो गए। दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि कैप्टन वरुण का पार्थिव शरीर सेना के हेलीकॉप्टर से भोपाल लाया जा रहा है। वहां अंतिम संस्कार किया जाएगा। घर के सभी सदस्य भोपाल पहुंच रहे हैं। वरुण के पिता कर्नल के पी सिंह परिवार सहित भोपाल स्थित एयरपोर्ट के निकट एक प्राइवेट कॉलोनी में अपना मकान बनाकर रहते हैं। वरुण का पार्थिव शरीर भोपाल स्थित आवास पर जाएगा। उसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।


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