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राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा-गांवों की आय बढ़ेगी तो बढ़ेंगे उद्योग

राज्‍यपाल ने कहा कि पं. दीनदयाल का विचार हर हाथ को काम और हर खेत को पानी आज भी प्रासंगिक है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सपनों को आधार बनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटे हुए हैं।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 09:30 PM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 09:30 PM (IST)
राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा-गांवों की आय बढ़ेगी तो बढ़ेंगे उद्योग
संगोष्ठी में उपस्थित लोगो को आनलाइन संबोधित करती राज्यपाल आनंदी बेन पटेल।

गोरखपुर, जेएनएन। उद्योगों के विकास के लिए गावों की आय में बढ़ोत्तरी बेहद जरूरी है क्योंकि ग्रामीणों की खरीदारी की क्षमता उद्योगों को सीधे प्रभावित करती है। ऐसे में कृषि को प्राथमिकता देना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना बेहद जरूरी है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भी कृषि को देश के आर्थिक विकास का आधार बताते हुए किसानों की आत्म निर्भर बनाने की प्राथमिकता पर बल दिया था। यह कहना है राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का। राज्यपाल शुक्रवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानव दर्शन : सतत विकास का व्यवहार मार्ग विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को वर्चुअल तरीके संबोधित कर रही थीं।

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हर हाथ को काम और हर खेत को पानी आज भी प्रासंगिक

विश्वविद्यालय की दीक्षा भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने आगे कहा कि पं. दीनदयाल का विचार हर हाथ को काम और हर खेत को पानी आज भी प्रासंगिक है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सपनों को आधार बनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटे हुए हैं। सबका साथ सबका विकास, मेक इन इंडिया, एक भारत श्रेष्ठ भारत, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं में किसी न किसी रूप में पंडित दीनदयाल के आदर्श नीहित हैं। भारत में तेज गति से हो रहा कोविड टीकाकरण भी आत्मनिर्भरता का ही प्रतीक है। विश्व के अन्य देशों को टीका उपलब्ध कराकर हमार देश मानवता का सेवा का उदाहरण भी पेश कर रहा है।

सामाजिक विचारक सुनील देवधर ने कहा कि पं. दीनदयाल का एकात्म मानव 'वाद नहीं बल्कि 'दर्शन है, जिसका अर्थ दूसरों के विषय में सोचना है। ïक्योंकि सतत विकास तभी होगा, जब हम दूसरों के बारे में सोचेंगे। उन्होंने बताया कि पं. दीनदयाल एकात्मक मानव दर्शन को अपने जीवन भी उतारते थे। कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की हालिया उपलब्धियों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि दीनदयाल  के जीवनशैली, विचारों और विजन पर तीन क्रेडिट कोर्स शुरू किया जा रहा है। हर हर विद्यार्थी के लिए अनिवार्य है। इसके अलावा एमए राजनीति विज्ञान में पं. दीनदयाल, लोहिया और गांधी के विचारों का तुलनात्मक अध्ययन भी होगा।

राष्ट्र कोई भूमि का केवल टुकडा मात्र नहीं

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन वल्लभ भाई कथीरिया ने कहा कि राष्ट्र कोई भूमि का केवल टुकडा मात्र नहीं है। बल्कि ऐसे लोगों का समूह है जो देश को सशक्त बनाता है। इसी मार्ग पर चलकर पंडित दीनदयाल के सपनों वाले दिव्य और भव्य भारत की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। अखिल भारतीय गो-सेवा प्रमुख शंकर लाल ने गायों के महत्व पर प्रभाव डाला और इसकी महत्ता को सिद्ध करने के लिए पौराणिक कथाओं का जिक्र किया। संचालन और आभार ज्ञापन प्रो. मानवेंद्र प्रताप ंिसह ने किया। इस दौरान अखिल भारतीय संत समिति गंगा सभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, आरएसएस के प्रांत प्रचारक सुभाष, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के सचिव डा. बाल मुकुंड पांडेय आदि मौजूद रहे।


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