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पैसा लिया पर नहीं खरीदा स्वेटर, अभिभावकों व शिक्षकों की लापरवाही से ठंड में ठिठुर रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे

गोरखपुर जिले के परिषदीय स्कूलों में स्वेटर के बिना बच्चे ठंड से ठिठुरने को मजबूर हैं। रुपये मिलने के बाद भी अभिभावकों द्वारा स्वेटर न खरीदे जाने और शिक्षकों द्वारा निगरानी न किए जाने का खामियाजा मासूम बच्चे भुगत रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Mon, 28 Nov 2022 01:23 PM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 01:23 PM (IST)
पैसा लिया पर नहीं खरीदा स्वेटर, अभिभावकों व शिक्षकों की लापरवाही से ठंड में ठिठुर रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे
ठंड में बिना स्वेटर स्कूलों में ठिठुर रहे बच्चे। -जागरण

गोरखपुर, प्रभात कुमार पाठक। परिषदीय स्कूलों के बच्चे ठंड में ठिठुर रहे हैं। इसकी न अभिभावकों को चिंता है और न ही शिक्षकों को। सरकार ने यूनीफार्म, स्वेटर व जूता-मोजा के लिए 12 सौ रुपये तो दे दिया लेकिन निचला तबका बच्चों को लेकर संवेदनशील नहीं है। यदि खाते में पैसा भेजने के बाद विभाग ने अपने स्तर से निगरानी की होती तो शायद यह नौबत नहीं आती। अभिभावक स्वेटर खरीद लेते और बच्चों को ठंड में बिना स्वेटर के स्कूल नहीं जाना पड़ता।

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पड़ताल में सामने आई ये बात

दैनिक जागरण ने जब जिले के परिषदीय स्कूलों की पड़ताल की तो अधिकांश में बच्चे बिना स्वेटर के अपनी कक्षा में पढ़ते मिले। शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण कमोवेश सभी जगह एक ही स्थिति मिली। पूछने पर हर जगह शिक्षकों का दो टूक जवाब था कि पैसा तो खाते में भेज दिया गया। अब अभिभावक स्वेटर नहीं खरीदे हैं तो हम क्या करें। जबकि हकीकत यह है कि पैसा भेजने के बाद न तो शिक्षकों ने किसी अभिभावकों से संवाद स्थापित किया और न ही उन्हें स्वेटर खरीदने के लिए ही प्रेरित किया।

इन स्कूलों में बिना स्वेटर पहुंचे बच्चे

सरदारनगर का प्राथमिक विद्यालय बालखुर्द हो या फिर प्राथमिक विद्यालय पिपराइच। दोनों ही जगह बच्चे पढ़ने तो आए थे, लेकिन स्वेटर किसी के पास नहीं था। बालखुर्द में 25 बच्चे उपस्थित थे। शिक्षिका सीमा गुप्ता पढ़ा रहीं थीं। उन्होंने बताया कि पैसा खाते में चला गया है लेकिन अभिभावकों ने स्वेटर नहीं खरीदा है। यही स्थिति पिपराइच में भी थी। यहां 64 बच्चे नामांकित थे। प्रधानाध्यापक राम प्रताप सिंह ने बताया कि खाते में पैसा भेज दिया गया है। फिर भी अभिभावक यूनीफार्म व स्वेटर पहनाकर बच्चों को नहीं भेजते।

यहां भी बिना स्वेटर आए विद्यार्थी

प्राथमिक विद्यालय सिक्टौर में भी बच्चे स्वेटर पहनकर नहीं आए थे। कमरे में ठंड लग रही थी। ऐसे में वहां बच्चों को धूप में बैठाकर कक्षाएं संचालित की जा रही थी। कैंपियरगंज के शिवपुर करमहवा प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय बनभागलपुर, पिपरौली के प्राथमिक विद्यालय खरैला तथा बांसगांव के प्राथमिक विद्यालय गेरुवा में भी बिना स्वेटर के तमाम बच्चे कक्षा में पढ़ने मिले।

27 हजार के खाते में नहीं पहुंचा पैसा

आधार से खाता लिंक न होने, आधार नहीं बनने समेत विभिन्न तकनीकी कारणों से जिले के 3.60 लाख बच्चों में से 27 हजार के खाते में अभी तक डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिये धनराशि नहीं भेजी जा सकी है। विभाग का दावा है कि हम इसको लेकर प्रयत्नशील हैं। जल्द ही इनके खाते में भी धनराशि प्रेषित कर दी जाएगी।

क्या कहते हैं अधिकारी

बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले के ढ़ाइ हजार स्कूलों में अध्ययरत 3.60 लाख बच्चों में से 3.33 लाख अभिभावकों के खाते में यूनीफार्म व स्वेटर की धनराशि भेजी जा चुकी है। पैसा मिलने के बाद भी अभिभावक जल्द से जल्द स्वेटर खरीदें इसके लिए शिक्षकों को उन्हें जागरूक व प्रेरित करने के निर्देश दे दिए गए हैं। विभाग की पूरी कोशिश है कि अभिभावक अपने बच्चों को ठंड से बचाने के लिए उन्हें स्वेटर खरीदकर जरूर दें।


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