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सरकार अब आयुर्वेद की इन दवाओं से Coronavirus को हराने की तैयारी में Gorakhpur News

जिसे बुखार होगा उसे आयुष 64 टेबलेट खांसी के मरीजों को अगस्त्‍य हरीतकी चटनी व सांस के मरीजों को अणु तेल का प्रयोग कराने का निर्देश दिया गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 06:32 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 06:32 PM (IST)
सरकार अब आयुर्वेद की इन दवाओं से Coronavirus को हराने की तैयारी में Gorakhpur News
सरकार अब आयुर्वेद की इन दवाओं से Coronavirus को हराने की तैयारी में Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस को मात देने के लिए एलोपैथ में अब तक पूरी तरह कारगर कोई दवा उपलब्ध नहीं हो पाई है। ऐसे में इस घातक वायरस को अब आयुर्वेदिक बाण से भेदने की तैयारी है। आयुष मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी कर कोरोना संक्रमित व क्वारंटाइन हुए लोगों को अगस्त्‍य हरीतकी चटनी, आयुष 64 टैबलेट व अणु तेल देने के निर्देश दिए हैं। एक सप्ताह तक दवाओं के इस्तेमाल के बाद मरीज की स्थिति के बारे में आयुष मंत्रालय को रिपोर्ट भेजनी होगी। परिणाम अ'छे आए तो आम नागरिकों के लिए भी ये दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। हालांकि स्वास्थ्य महकमा दवाओं की मात्रा को लेकर राज्य सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहा है।

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आयुष मंत्रालय की यह है गाइडलाइन

आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार जिसे बुखार होगा उसे आयुष 64 टेबलेट, खांसी के मरीजों को अगस्त्‍य हरीतकी चटनी व सांस के मरीजों को अणु तेल का प्रयोग कराने का निर्देश दिया गया है। एक सप्ताह तक दवा का सेवन करने के बाद मरीजों का फिर से परीक्षण किया जाएगा और रिपोर्ट आयुष मंत्रालय को भेजी जाएगी।

तीनों समस्याएं होने पर दी जाएंगी सभी दवाएं

जिस मरीज में बुखार, खांसी व सांस की तकलीफ होगी, उसे तीनों दवाएं दी जाएंगी। जिसे एक समस्या होगी, उसे संबंधित दवा दी जाएगी। दवा का असर जांचने के लिए एक सप्ताह बाद परीक्षण किया जाएगा। जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ.प्रकाश चंद्र के अनुसार आयुष मंत्रालय ने कोरोना मरीजों और क्वारंटाइन लोगों को तीनों दवाओं का सेवन कराने का निर्देश दिया है। यह दवाएं बाजार में पहले से उपलब्ध हैं। शीघ्र ही इन दवाओं को कोरोना वार्ड व क्वारंटाइन सेंटरों पर उपलब्ध करा दिया जाएगा। दवाओं के सेवन के एक सप्ताह बाद मरीजों का परीक्षण कर रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाएगी।

रक्तदोष को दूर करती है अगस्त्‍य हरीतकी

वैद्य आत्‍माराम दुबे का कहना है कि अगस्त्‍य हरीतकी चटनी रक्तदोष को दूर करती है। आयुष 64 पेटेंट दवा है, इसका उल्लेख किताबों में नहीं है। अणु तेल जुकाम, सर्दी व सांस की समस्या में उपयोगी है। यह दवाएं कोरोना मरीजों पर कितनी काम करेंगी, यह परिणाम के बाद ही कहा जा सकता है। सीएमओ डॉ.श्रीकांत तिवारी का कहना है कि मंत्रालय ने इसकी गाइडलाइन जारी की है, लेकिन प्रदेश सरकार के निर्देश का इंतजार है कि कौन सी दवा कितनी मात्रा में देनी है। उसके बाद मरीजों पर इसका प्रयोग किया जाएगा। दवा देने के बाद परिणाम पर नजर रखी जाएगी।


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