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शिक्षकों की बैठक में वित्तविहीन शिक्षकों का मामला उठा, सरकार को चेतावनी Gorakhpur News

शिक्षकों ने कहा कि सरकार तीन सूत्रीय मांगों पर यदि 31 जुलाई तक विचार नहीं करती है तो 9 अगस्त को क्रांति दिवस के अवसर पर संघर्ष की घोषणा की जाएगी।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 05:08 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 05:08 PM (IST)
शिक्षकों की बैठक में वित्तविहीन शिक्षकों का मामला उठा, सरकार को चेतावनी Gorakhpur News
शिक्षकों की बैठक में वित्तविहीन शिक्षकों का मामला उठा, सरकार को चेतावनी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय दिए जाने की लगातार मांग करता आ रहा है। कोरोना के कारण इस समय वित्तविहीन शिक्षक आर्थिक दुश्वारियों का सामना कर रहे हैं, इसके बावजूद सरकार इनके प्रति संवेदनहीन बनी हुई है।

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यह बातें सेंट एंड्रयूज इंटर कॉलेज में माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक नरेंद्र सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी तीन सूत्रीय मांगों पुरानी पेंशन योजना की बहाली, वित्तविहीन शिक्षकों को आर्थिक सहायता की घोषणा तथा वित्तविहीन शिक्षकों को पांच अंकों में मानदेय दिए जाने पर 31 जुलाई तक शीघ्र विचार नहीं करती है तो 9 अगस्त को क्रांति दिवस के अवसर पर संघ आगामी संघर्ष की घोषणा करेगा। बैठक की अध्यक्षता ज्योतिष कुमार पांडेय व संचालन मंडलीय मंत्री रणजीत सिंह ने किया। बैठक में राम मोहन शाही, बलवंत सिंह, जनार्दन मिश्र, जैनेंद्र कुमार सिंह, राजेश चंद्र चौधरी, राकेश कुमार श्रीवास्तव, राम प्रताप सिंह, दिवाकर गुप्त, राघवेंद्र प्रताप सिंह‍, महेश कुमार मिश्र, अशोक कुमार चौरसिया, डॉ. ज्ञानेंद्र ङ्क्षसह, संकर्षण पांडेय तथा प्रदीप कुमार ङ्क्षसह आदि मौजूद रहे।

समस्याओं को लेकर कुलपति से मिले शिक्षक विधायक

शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के नवनियुक्त शिक्षकों की समस्याओं के संबंध में वार्ता की। जिस पर कुलपति ने उन्हें समस्याओं के शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया।शिक्षक विधायक ने कुलपति को पत्र सौंपते हुए बताया कि विश्वविद्यालय में योगदान दे रहे शिक्षकों के एनपीएस के अंतर्गत उनके वेतन से दस फीसद व सरकार द्वारा राज्यांश दस फीसद के स्थान पर चौदह फीसद कटौती संबंधी शासनादेश निर्गत है। बावजूद इसके विवि के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की चौदह फीसद कटौती शिक्षकों के प्रान खाते में नहीं की गई है। यही नहीं विश्वविद्यालय में नवनियुक्त शिक्षकों को पीएचडी अर्हता रखने पर पांच वेतन वृद्धि देने की यूजीसी की गाइड लाइन है, लेकिन वह भी नहीं दिया जा रहा है। बता दें कि इन मुद्दों को गत दिनों शिक्षक विधायक को ज्ञापन सौंपकर विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अमित कुमार उपाध्याय ने संज्ञान में लाया था। जिसके बाद उन्होंने उप मुख्यमंत्री व उच्‍च शिक्षामंत्री दिनेश शर्मा से इन समस्याओं को अवगत कराया था, जिस पर उन्होंने आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे।


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