एडेड स्कूलों में भी पढ़ाई की गुणवत्ता पर रहेगी शासन की नजर, निर्देश जारी
बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि शासन के निर्देश पर जिले के एडेड विद्यालयाें में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं के आधार का सत्यापन कराया जाएगा। इन स्कूलों के शिक्षकों को भी अवकाश आनलाइन ही लेना पड़ेगा।
गोरखपुर, जेएनएन। जनपद के सहायता प्राप्त स्कूलों में भी अब शिक्षा की सेहत सुधरेगी। शासन अब यहां भी पढ़ाई की गुणवत्ता पर नजर रखेगी। अभी तक शासन इन स्कूलों में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों काे वेतन देने के साथ-साथ यहां निःशुल्क यूनिफार्म, पाठ्य पुस्तकें व मिड डे मील की व्यवस्था भी करती है। अब यहां भी मिशन प्रेरणा चलाएगी, जिससे यहां भी पठन-पाठन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
जनपद में 83 एडेड स्कूल हैं। इन स्कूलों की जनशक्ति निर्धारण भी शासन ने नए सिरे की है। अब शासन द्वारा यहां मिशन प्रेरणा लागू किया जाएगा और यहां के छात्र-छात्राओं को प्रेरणा तालिका के मुताबिक न्यूनतम लर्निंग गोल को प्राप्त करना होगा। वहीं यहां भी विद्यार्थियों के सीखने के लिए वे सभी मॉड्यूल लागू होंगे, जो सरकारी स्कूलों में चलाए जा रहे हैं। इसको लेकर शासन ने सभी बेसिक शिक्षाधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।
छात्र-छात्राओं का होगा आधार सत्यापन
जिले के सभी एडेड स्कूलों के छात्र-छात्राओं का आधार सत्यापन भी होगा। साथ ही इन विद्यालयाें में छात्रों को वितरित निश्शुल्क यूनिफार्म का सत्यापन पहले स्कूल स्तर से और फिर अधिकारी इसकी जांच करेंगे। यही नहीं समस्त शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका भी मानव संपदा पोर्टल पर आनलाइन की जा रही है। यह प्रक्रिया पूरी होते ही इन स्कूलों के शिक्षकों को भी छुट्टियां ऑनलाइन ही लेनी होगी।
बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि शासन के निर्देश पर जिले के एडेड विद्यालयाें में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं के आधार का सत्यापन कराया जाएगा। इन स्कूलों के शिक्षकों को भी अवकाश आनलाइन ही लेना पड़ेगा। इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। प्रेरणा मिशन के जरिए पाठन-पाठन की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा।
बताते चलें कि अभी तक एडेड स्कूलों के बारे में सीधे दखल की व्यवस्था नहीं थी। यह पहली बार ऐसा हो रहा है जब इन पर नजर रखी जाएगी। इससे न केलव एडेड स्कूलों की मनमानी हो पाएगी और न ही अव्यवस्था के बीच बच्चे पढ़ने को मजबूर होंगे। बहरहाल, इसे लेकर कई स्कूल प्रबंधकों में बेचैनी साफ दिखाई पड़ रही है।