14 माह से गायब हैं गोरखपुर के डॉक्टर राधारमण, अब उनकी जांच से जुड़ा पत्र भी गायब
पुलिस इस मामले को भले ही हल्के में ले लेकिन पत्र गायब होने से यह संदेह जरूर खड़ा हो रहा है कि कोई न कोई जांच को प्रभावित करने में जुटा है। उनकी बहन ने केस सीबीसीआइडी में ट्रांसफर करने के लिए सीएम के कैंप कार्यालय में पत्र दिया था।
गोरखपुर, जेएनएन। कोतवाली क्षेत्र से 14 माह पूर्व गायब हुए चिकित्सक राधारमण पांडेय को पुलिस अबतक नहीं ढूंढ पाई। अब उनकी जांच से जुड़ा सीएम कैंप कार्यालय से अग्रसारित पत्र भी गायब हो गया है। चिकित्सक की बहन कात्यायिनी पांडेय ने एडीजी जोन को पत्रक सौंपकर केस सीबीसीआइडी को ट्रांसफर करने की मांग की।
पुलिस इस मामले को भले ही हल्के में ले, लेकिन पत्र गायब होने से यह संदेह जरूर खड़ा हो रहा है कि कोई न कोई जांच को प्रभावित करने में जुटा है। कात्यायिनी के मुताबिक उन्होंने अपने भाई का केस सीबीसीआइडी में ट्रांसफर करने के लिए मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय में पत्र दिया था। आरोप लगाया कि वहां से पत्र अग्रसारित होने के बाद गोरखपुर पुलिस ने उसे गायब कर दिया। अब उनसे कहा जा रहा है कि वह दोबारा आदेश कराकर लाएं। कात्यायिनी ने यह भी कहा है कि उनके भाई के नाम से छह गांवों में संपत्ति है। उनकी अभी शादी भी नहीं हुई है, इसलिए भी कोई उन्हें गायब करा सकता है।
28 जून 19 को गायब हुए थे चिकित्सक
बेलीपार थाना क्षेत्र के मलाव गांव के मूल निवासी डॉ. राधारमण पांडेय कोतवाली क्षेत्र के छोटेकाजीपुर मोहल्ले में अपनी बहन अनिता शुक्ला के यहां रहते थे। यहीं से वह जगन्नाथपुर स्थित समाजसेवी हॉस्पिटल में ड्यूटी करते थे। उनकी तीन बहनें हैं। कात्यायिनी दूसरे नंबर की बहन हैं। 28 जून 2019 को राधारमण हॉस्पिटल के लिए दोपहर में निकले। उसके बाद से उनकी कोई जानकारी नहीं मिली। 23 अगस्त 2019 को अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था।
बेटे की प्रतीक्षा में हो गई मां की मौत
चार भाई-बहनों में राधारमण सबसे छोटे हैं। उनके गायब होने के बाद उनकी मां सरस्वती देवी की तबीयत खराब रहने लगी। बेटे की प्रतीक्षा करते हुए बीते तीन अगस्त (रक्षाबंधन के दिन) उनकी भी मौत हो गई।
संपत्ति के एंगल पर भी काम करेगी पुलिस
एडीजी जोन दावा शेरपा ने कहा है कि इस केस में पुलिस फिर से गंभीरता से जुटेगी। इसमें संपत्ति का भी एंगल देखा जाएगा।