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यूपी के उत्पादों का ‘शो केस’ बनेगा गोरखपुर चिड़ियाघर Gorakhpur News

चिड़ियाघर के 200 फिट लंबे व 65 फिट चौड़े हॉल में 75 काउंटर बनाकर प्रदेश के सभी जिलों के उत्पादों को सजाया जाएगा। यहां आने वाले लोग इन उत्पादों को देख व खरीद सकेंगे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 04:39 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 04:39 PM (IST)
यूपी के उत्पादों का ‘शो केस’ बनेगा गोरखपुर चिड़ियाघर Gorakhpur News
यूपी के उत्पादों का ‘शो केस’ बनेगा गोरखपुर चिड़ियाघर Gorakhpur News

जितेन्द्र पाण्डेय, गोरखपुर। प्रदेश के ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद के तहत) उत्पादों का औद्योगिक प्रतिनिधित्व गोरखपुर करेगा। इसका खाका खींच लिया गया है। शासन की हरी झंडी मिलते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो नए साल में इसकी सुविधा भी मिलने लगेगी। विभाग ने इसके लिए गोरखपुर के चिड़ियाघर में ‘शो केस’ बनाने का निर्णय लिया है, जो आउटलेट (ब्रिकी केंद्र) के रूप में भी कार्य करेगा।

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प्रदेश के सभी जिलों के उत्‍पाद के लिए बनेंगे 75 काउंटर

चिड़ियाघर के 200 फिट लंबे व 65 फिट चौड़े हॉल में 75 काउंटर बनाकर प्रदेश के सभी जिलों के उत्पादों को सजाया जाएगा। यहां आने वाले लोग इन उत्पादों को देख व खरीद सकेंगे। सरकार की कोशिश है कि हर जिले का एक उत्पाद उसकी पहचान बने, आर्थिक मजबूती मिले।

बिक्री का अलग होगा काउंटर

निदेशक चिड़ियाघर अंजनी आचार्य व डीएफओ अविनाश कुमार ने इस प्रस्ताव की जानकारी मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर को दी। उनकी सहमति मिलने के बाद जिलाधिकारी ने भी हाल के लिए आवश्यक जरूरतों को पूरा कराने की बात कही। इसके बाद प्रस्ताव तैयार किया गया। इसमें यह बात रखी गई है कि सभी जिलों के प्रतिनिधियों को उत्पाद के साथ बुलाना संभव नहीं है। इसकी ई-टेंडरिंग कर एक ठीकेदार के माध्यम से कराया जाए या फिर ओडीओपी के नोडल अधिकारी के जरिये। प्रस्ताव में यह बात कही गई है कि स्टाल पर सीमित उत्पाद रखे जाएंगे, जहां लोग पसंद कर खरीदारी कर सकेंगे। ब्रिकी का अलग काउंटर होगा। कुछ दूरी पर बफर गोदाम भी बनाया जाएगा ताकि मांग के अनुरूप उत्पाद की कमी न होने पाए।

पूर्वाचल में एक जिला एक उत्पाद

गोरखपुर - टेरोकोटा।

सिद्धार्थनगर-कालानमक।

कुशीनगर - केले के रेशे का उत्पाद।

महराजगंज -फर्नीचर।

संतकबीरनगर- पीतल के बर्तन और होजरी उद्योग।

बस्ती-काष्ठ कला और सिरका।

अगले साल तक पूरा होने की उम्‍मीद

डीएफओ अविनाश कुमार का कहना है कि चिड़ियाघर में दुर्लभ वन्य जीवों को देखने के साथ यहां आने वाले लोग प्रदेश के सभी जिलों के ओडीओपी उत्पाद को देख व खरीद सकेंगे। इसकी योजना तैयार कर ली गई है। उम्मीद है कि अगले साल तक यह मूर्त रूप भी ले लेगी।


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