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Ayodhya Ram Mandir: अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों अयोध्या नगरी से जुड़ी थी गोरक्षनगरी Gorakhpur News

Ayodhya Ram Mandir राम नगरी अयोध्या और गोरक्षनगरी को रेल सेवा से पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने जोड़ा था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 12:54 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 08:47 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों अयोध्या नगरी से जुड़ी थी गोरक्षनगरी Gorakhpur News
Ayodhya Ram Mandir: अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों अयोध्या नगरी से जुड़ी थी गोरक्षनगरी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे भी आह्लादित है। 16 वर्ष पूर्व जिस भाजपा की सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी के हाथों पूर्वोत्तर रेलवे पतित पावन अयोध्या नगरी से जुड़ा था। आज उसी भाजपा सरकार में अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर की नींव पड़ने जा रही है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे का भी मान, सम्मान और महत्ता बढ़ जाएगा। लाखों श्रद्धालु कटरा के रास्ते सीधे अयोध्या पहुंचेंगे और अपने अराध्य का दर्शन कर कृतार्थ होंगे।

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वर्ष 2004 में किया था सरयू नदी पर कटरा और अयोध्या को जोड़ने वाले रेल पुल का उद्घाटन

दरअसल, पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर-लखनऊ मुख्यमार्ग पर स्थित मनकापुर-कटरा का इतिहास बहुत पुराना है। वर्ष 1884 में जिस समय लोग ट्रेनों की सिर्फ कल्पना करते थे, उस समय मनकापुर से कटरा तक छोटी रेल लाइन बिछ गई थी। धीरे-धीरे पूर्वोत्तर रेलवे का विकास होता गया। छोटी से बड़ी लाइन, बड़ी लाइन से दोहरीकरण। दोहरीण के साथ विद्युतीकरण होता गया। लेकिन मनकापुर से कटरा रेल लाइन का न विकास हो पाय न ही वह अयोध्या से जुड़ पाया। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु ट्रेन से कटरा तक पहुंचते थे और वहां से अन्य मार्गों के जरिये अध्योध्या पहुंचते थे। कठिन मार्ग के चलते श्रद्धालु यात्रा से पहले ही हिम्मत हार जाते थे। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने श्रद्धालुओं की परेशानी को समझा और वर्ष 1992 में छोटी को बड़ी रेल लाइन में परिवर्तित किया। इस रूट पर एक्सप्रेस ट्रेनें चलने तो लगी लेकिन अभी भी सरयू नदी रास्ता रोके खड़ी थी। ट्रेन से यात्रा करने वाले पूर्वांचल के श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या बहुत दूर थी। अंतत: 7 फरवरी 2004 को अटल जी ने रेलमंत्री नीतिश कुमार की मौजूदगी में सरयू नदी पर बने पुल का उद्घाटन किया। इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे के भी दिन बहुर गए। भारतीय रेलवे का यह महत्वपूर्ण जोन सीधे अयोध्या से जुड़ गया। लगभग आठ किमी की दूरी नापने और श्रीराम की नगरी में प्रवेश करने में पूर्वोत्तर रेलवे को 100 से अधिक साल तक का इंतजार करना पड़ा।

पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्र में ही आती हैं अयोध्या, काशी और मथुरा की धरती

विश्वभर में हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के अराध्य श्रीराम, श्रीकृष्ण और शिव की पवित्र धरती अयोध्या, मथुरा और काशी की पवित्र धरती भी पूर्वोत्तर रेलवे के क्षेत्र में ही आती है। अब जब श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू हो रहा है तो श्रद्धालुओं की भीड़ भी जुटेगी। पूर्वोत्तर रेलवे ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए अयोध्या के अलावा काशी और मथुरा के लिए समय-समय पर आवश्यकतानुसार स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। रेल मंत्रालय ने अयोध्या स्टेशन के विकास की घोषणा भी कर दी है। काशी और मथुरा के रेलवे स्टेशन पहले से ही आदर्श हैं। अब कटरा को भी चमकाने की तैयारी है।


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