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DDU में नैक मूल्यांकन सिखाने को लगाएंगे स्टार्टअप, 'नो प्राफिट नो लास' के फार्मूले पर करेंगे काम

गोरखपुर विश्वविद्यालय इच्छुक महाविद्यालयों को ट्रेनिंग से लेकर ग्रेड दिलाने तक मदद करता रहेगा। इस दौरान विश्वविद्यालय का नैक स्टार्टअप नो प्राफिट नो लास के फार्मूले पर काम करेगा। प्रशिक्षण के लिए शिक्षण संस्थानों से फीस भी ली जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Mon, 30 Jan 2023 08:44 AM (IST)Updated: Mon, 30 Jan 2023 08:44 AM (IST)
DDU में नैक मूल्यांकन सिखाने को लगाएंगे स्टार्टअप, 'नो प्राफिट नो लास' के फार्मूले पर करेंगे काम
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन सिखाने को लगेगा स्टार्टअप। (फाइल)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। नैक मूल्यांकन में 'ए प्लस-प्लस' ग्रेड हासिल करने से उत्साहित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब अन्य शिक्षण संस्थानों को बेहतर ग्रेड हासिल करने का तरीका बताने की योजना बनाई है। इसके लिए विश्वविद्यालय अपने इंक्यूबेशन सेंटर के जरिये नैक स्टार्टअप लगाने जा रहा है। इस स्टार्टअप के जरिये विश्वविद्यालय इच्छुक महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को नैक मूल्यांकन के लिए ट्रेनिंग दिलाने से लेकर ग्रेड दिलाने तक में मदद करेगा।

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शिक्षण संस्थानों से फीस लेगा विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय इसके लिए शिक्षण संस्थानों से फीस लेगा। फीस दो रूप में ली जाएगी। जो शिक्षण संस्थान केवल ट्रेनिंग लेना चाहेंगे, उनसे केवल उसकी फीस ली जाएगी। जिन शिक्षण संस्थानों की डिमांड ट्रेनिंग से लेकर एसएसआर रिपोर्ट अपलोड करने और नैक टीम का दौरा कराने में मदद करने की होगी, उनसे इस पूरे पैकेज की फीस ली जाएगी। यह स्टार्टअप 'नो प्राफिट नो लास' के फार्मूले पर काम करेगा। यानी फीस उतनी ही ली जाएगी, जिससे स्टार्टअप सुचारू रूप से चलाया जाएगा। विश्वविद्यालय ने स्टार्टअप के लिए ग्रुप की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए कई विभागों को आफर भी दिया गया है। जो विभाग सामने आएंगे, उद्देश्य की दृष्टि मूल्यांकन के बाद उसे जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। स्टार्टअप शुरू करने की इच्छुक यूनिट को अपनी एक कार्ययोजना विश्वविद्यालय के सामने प्रस्तुत करनी होगी, जिससे उद्देश्य के लिए मूल्यांकन करना आसान हो सके।

ट्रेनिंग के लिए बुलाए जाएंगे देश भर के विशेषज्ञ

नैक मूल्यांकन की ट्रेनिंग के लिए विश्वविद्यालय की योजना देश भर के नैक विशेषज्ञों को आमंत्रित करने की है। ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो किसी ने किसी रूप में कभी न कभी नैक से जुड़े रहे हैं और उसकी कार्यशैली से वाकिफ हैं। नैक के सभी मानकों पर अलग-अलग ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें नैक का ए प्लस-प्लस ग्रेड दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विश्वविद्यालय के क्राइटेरिया क्वार्डिनेटरों का इस्तेमाल भी विश्वविद्यालय करेगा।

क्या कहते हैं कुलपति

गोवि के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि नैक का मूल्यांकन कराना तो दूर बहुत से महाविद्यालयों को इसकी जरूरत, फायदे और नुकसान की जानकारी तक नहीं है। विश्वविद्यालय स्टार्टअप के जरिये उन्हें इसके बारे में तो बताएगा ही, बेहतर ग्रेड दिलाने में भी भूमिका निभाएगा। शुरुआती दौर में ऐसे महाविद्यालयों को इसके लिए प्रेरित करने पर जोर रहेगा, जो वित्तपोषित हैं और यूजीसी 12बी का दर्जा प्राप्त हैं। 12बी का दर्जा यूजीसी उसी को देती है, जो उसके मानक पर खरा उतरता है।


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