खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की खुद ही जांच कराएंगे गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति
कुलाधिपति की ओर से निर्देशित किया गया है कि गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह अपने खिलाफ आई शिकायत की जांच कराएं और विधि सम्मत तरीके से कार्यवाही सुनिश्चित कर शिकायतकर्ता को अवगत कराएं। कुलपति पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। राजभवन से आया एक निर्देश भरा पत्र दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में चर्चा का विषय बना है। पत्र में कुलाधिपति की ओर से निर्देशित किया गया है कि कुलपति प्रो. राजेश सिंह अपने खिलाफ आई शिकायत की जांच कराएं और विधि सम्मत तरीके से कार्यवाही सुनिश्चित कर शिकायतकर्ता को अवगत कराएं। यह शिकायतकर्ता कोई और नहीं विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के वही आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्ता हैं, जिन्होंने कुलपति के खिलाफत की अकेले मुहिम छेड़ रखी है।
हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्ता ने की थी राजभवन में शिकायत
प्रो. गुप्ता ने कुलाधिपति को पत्र भेजकर कई मुद्दों पर भ्रष्टाचार और अनियमितता की शिकायत करते हुए विश्वविद्यालय के हित में कुलपति को हटाए जाने की मांग की थी। राजभवन ने उनके पत्र का संज्ञान लेते हुए संपूर्ण शिकायत का ब्योरा कुलपति को भेज दिया है। कुलपति अपने ही खिलाफ शिकायत की जांच कराएं, राजभवन से इस आशय का पत्र जब विश्वविद्यालय में पहुंचा तो लोग तो उसकी चुटकी लेते नजर आए लेकिन प्रो. कमलेश ने इसे लेकर नाराजगी जताते हुए इंटरनेट मीडिया पर सत्याग्रह करने की बात कह डाली।
शिकायतकर्ता ने जताई आपत्ति
उन्होंने पत्र के जरिए आए निर्देश पर सवाल उठाया है कि जिस व्यक्ति के विरुद्ध् शिकायत है, उसी को जांच कैसे सौंपी जा सकती है। उन्होंने पूरे प्रकरण में कुलाधिपति सचिवालय की भूमिका संदिग्ध बताते हुए कहा है कि उन्होंने अपनी शिकायत कुलाधिपति से की है, जबकि पत्र उनके विशेष कार्यादिवस अधिकारी की ओर से आया है, जो उचित नहीं है।
पं. दीनदयाल की प्रतिमा के समक्ष सत्याग्रह की चेतावनी
प्रो. कमलेश गुप्ता ने इंटरनेट मीडिया पर राजभवन से आए पत्र के जरिए जारी निर्देश पर आपत्ति जताते हुए चेतावनी दी है कि एक सप्ताह के भीतर कुलपति प्रो. राजेश सिंह को कुलपति के पद से हटाया नहीं गया तो वह प्रशासनिक भवन में स्थापित पं. दीनदयाल की प्रतिमा के समक्ष सत्याग्रह के लिए बाध्य होंगे। क्योंकि प्रो. राजेश सिंह का एक भी दिन कुलपति के पद पर रहना विश्वविद्यालय और संबंधित महाविद्यालयों के हित में नहीं है।
राजभवन से आया निर्देश नियमित प्रक्रिया है। ऐसे मामलों में कमेटी बनाकर शिकायत की जांच की जाती है। राजभवन से मिले निर्देश का पालन किया जाएगा। शिकायत की पड़ताल के लिए जल्द एक कमेटी गठित की जाएगी। प्रो. गुप्ता से जुड़ी शिकायत को लेकर एक कमेटी पहले से भी गठित है। - प्रो. राजेश सिंह, कुलपति, दीदउ गोरखपुर विवि।
कमिश्नर के माध्यम से राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
एनएसयूआइ के प्रदेश महासचिव नितेश मिश्रा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को कमिश्नर के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा। इस ज्ञापन में उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश ङ्क्षसह को निलंबित करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जबतक लोकायुक्त जांच पूरी नहीं हो जाती, प्रो. राजेश ङ्क्षसह का कुलपति के पद रहना उचित नहीं। प्रतिनिधिमंडल अरुण यादव, संतीश चंद्र, मंजेश कुमार, प्रिस गुप्ता, शिवम मिश्रा, शिवम तिवारी, प्रवीण कुमार आदि मौजूद रहे।