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गोरखपुर विश्वविद्यालय ने न‍िकाला रास्‍ता, परीक्षार्थी कोरोना संक्रमित हुए तो इस तरह से ली जाएगी परीक्षा

गोरखपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा के दौरान कोविड प्रोटोकाल का पालन करने का पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है। अगर कोई शिक्षक संक्रमित होता है तो उसकी परीक्षा में ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी और अगर कोई विद्यार्थी कोरोना संक्रमित होता है तो उसे आइसोलेट करके परीक्षा ली जाएगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:10 AM (IST)
गोरखपुर विश्वविद्यालय ने न‍िकाला रास्‍ता, परीक्षार्थी कोरोना संक्रमित हुए तो इस तरह से ली जाएगी परीक्षा
Gorakhpur university exam 2022: गोरखपुर विश्वविद्यालय ने कोरोना संक्रम‍ित छात्रों की परीक्षा की व्‍यवस्‍था कर ली है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के बीच भी सीबीसीएस (च्वायस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) के तहत सेमेस्टर परीक्षा सकुशल संचालित की जा सके, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने इसका रास्ता निकाल लिया है। परीक्षा के दौरान कोविड प्रोटोकाल का पालन करने का पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है। अगर कोई शिक्षक संक्रमित होता है तो उसकी परीक्षा में ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी और अगर कोई विद्यार्थी कोरोना संक्रमित होता है तो उसे आइसोलेट करके परीक्षा ली जाएगी।

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विश्वविद्यालय प्रशासन ने संक्रमण के बीच परीक्षा जारी रखने के निकाला रास्ता

परीक्षा के आयोजन को लेकर विश्वविद्यालय के इस निर्णय की जानकारी देते हुए जनसंपर्क अधिकारी डा. महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय सेमेस्टर परीक्षाओं के के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि अगर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं तत्काल सम्पन्न नहीं हुईं तो इसका असर पर मार्च में आयोजित होने वाली अन्य परीक्षाओं पर पड़ेगा। साथ ही जुलाई में आयोजित होने वाली सेमेस्टर परीक्षा भी प्रभावित होगी। परीक्षा की पूरी प्रक्रिया ही पीछे हो जाएगी, जिसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा। उनका पाठ्यक्रम समय से पूरा नहीं हा सकेगा। डा. सिंह ने बताया कि कोविड संक्रमण की दर में कमी आ रही है।

कोविड प्रोटोकाल के पालन के साथ परीक्षाओं के संचालन की अनुमति

उधर शासन की ओर से कोविड प्रोटोकाल के पालन के साथ परीक्षाओं के संचालन की अनुमति भी मिल चुकी है। ऐसे में परीक्षा के आयोजन में किसी तरह की बाधा नहीं है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की मंशा सेमेस्टर परीक्षा का परिणाम अतिशीघ्र घोषित करने की है। ऐसा करके ही मार्च में वार्षिक परीक्षाओं का आयोजन संभव हो सकेगा। साथ ही द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा भी जुलाई में सम्पन्न हो पायेगी। उन्होंने बताया कि परीक्षा में विश्वविद्यालय की ओर से सैनिटाइजर और मास्क का इंतजाम रहेगा। परीक्षार्थी को थर्मल स्कैन के बाद परीक्षा कक्ष में प्रवेश दिया जाएगा।


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