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गोरखपुर से कश्मीर के लिए सीधी रेल सेवा के खुले रास्ते, चिनाब नदी पर रेलवे ब्रिज बनने से दूर हुई बाधा

गोरखपुर से कश्मीर के लिए सीधी रेल सेवा शुरू होने से लोगों को राहत मिलेगी। समय की बचत भी होगी। वर्तमान में गोरखपुर से जम्मू के लिए सिर्फ दो ट्रेन चलती है। अब जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर रेलवे ब्रिज बनने से बाधा दूर हो गई है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Mon, 27 Mar 2023 08:03 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2023 08:03 AM (IST)
गोरखपुर से कश्मीर के लिए सीधी रेल सेवा के खुले रास्ते, चिनाब नदी पर रेलवे ब्रिज बनने से दूर हुई बाधा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चिनाब नदी पर बने रेलवे ब्रिज की विशेषता बताते मंत्री अश्वनी वैष्णव। सौ. एनई रेलवे प्रशासन

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। चिनाब नदी पर रेलवे ब्रिज बनने के बाद अब गोरखपुर से कश्मीर के लिए सीधी रेल सेवा के रास्ते खुल गए हैं। रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एनई रेलवे के साथ ही देश के सभी जोनल रेलवे के अधिकारियों से जुड़े रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कश्मीर घाटी में चिनाब नदी पर बने रेलवे ब्रिज की विशेषता बताई और कहा कि जम्मू तक जा रहीं ट्रेन अब कश्मीर भी जाएगी। हालांकि इसमें अभी समय लग सकता है।

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वर्तमान में गोरखपुर से जम्मू के लिए चलती हैं दो ट्रेनें

रेल मंत्री ने सभी क्षेत्रीय रेलवे के मीडिया कर्मियों से बातचीत की और उनके सवालों के जवाब दिए। एनई रेलवे मुख्यालय से सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह और वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी सीपी चौहान भी शामिल रहे। इस पुल के जरिये जम्मू से कश्मीर तक रेल सेवा शुरू होने के बाद गोरखपुर से भी कश्मीर तक सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। वर्तमान में गोरखपुर से जम्मू तक दो ट्रेन है। एक गोरखपुर से जम्मू और दूसरी कामख्या से कटरा वाया गोरखपुर। दोनों ट्रेन से यात्रियों को 22 से 23 घंटे का समय लगता है। कश्मीर जाने के लिए सड़क व हवाई मार्ग ही रास्ता है जिससे जाने में करीब 10 घंटे लग जाते हैं। कश्मीर तक रेल सेवा शुरू होने के बाद गोरखपुर से वहां पहुंचने में 27 घंटे ही लगेंगे।

गोरखपुर बस स्टेशन के विकास को फिर निवेशक की तलाश

गोरखपुर बस स्टेशन को राजकोट माडल पर बनाने के लिए परिवहन निगम ने फिर से निवेशकों की तलाश शुरू कर दी है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) पर स्टेशन का नवनिर्माण के लिए मुख्यालय लखनऊ से ही टेंडर निकला था, लेकिन अभी तक किसी ने रुचि नहीं दिखाई है। ऐसे में निगम के अधिकारी गोरखपुर सहित पूर्वांचल के बड़े उद्यमियों से संपर्क करना शुरू कर दिए हैं। गोरखपुर सहित प्रदेश के प्रमुख शहरों में स्थित 23 बस स्टेशनों का पीपीपी माडल पर विकास किया जाना है। गोरखपुर बस स्टेशन के लिए 14416 वर्ग मीटर भूमि चिह्नित कर ली गई है।

नवनिर्माण के लिए 92 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी तैयार है। गोरखपुर बस स्टेशन को राजकोट माडल की तरह बनाने की योजना है। कायाकल्प के बाद यात्रियों को स्टेशन परिसर में ही सारी सुविधाएं मिल जाएंगी। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगा। एक छत के नीचे खानपान से लगायत ठहरने, खरीददारी व मनोरंजन की पूरी व्यवस्था रहेगी। हर पल, हर जगह बसों की अपडेट जानकारी भी मिलती रहेगी। यात्रियों को परिसर से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

क्या कहते हैं अधिकारी

परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी ने बताया कि गोरखपुर बस स्टेशन का विकास पीपीपी माडल पर होना है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर निवेशकों से वार्ता की जा रही है। अभी तक कोई निवेशक आगे नहीं आया है।


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