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छोटे स्टार्टअप से कैसे बड़ी इंटीरियर डिजाइनर बनी गोरखपुर की बेटी, दर्जनों को दे रहीं रोजगार, पढ़ें पारुल की Success Story

गोरखपुर की बेटी पारुल चुनौतियों से लड़कर खुद को निखारने के साथ ही कईयों की जिंदगी संवार दी। पारुल ने इंटीरियर व लैंडस्केप डिजाइनिंग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई। इसके लिए उन्होंने काफी चुनौतियों का सामना किया है।

By JagranEdited By: Pragati ChandPublished: Tue, 27 Sep 2022 03:26 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 06:32 PM (IST)
छोटे स्टार्टअप से कैसे बड़ी इंटीरियर डिजाइनर बनी गोरखपुर की बेटी, दर्जनों को दे रहीं रोजगार, पढ़ें पारुल की Success Story
कठिन तप कर पारुल ने हासिल किया बेहतर मुकाम। (फाइल)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कठिन तप कर अभीष्ट प्राप्त करने वाली सूर्यकुंड की पारुल अनुभव वर्मा ने न सिर्फ अपने हुनर को निखारा बल्कि अनेक महिलाओं का जीवन भी संवार दिया है। इंटीरियर डिजाइनिंग व लैंडस्केप डिजाइनिंग के क्षेत्र में महिलाओं के लिए बड़ी चुनौती थी। इस क्षेत्र में पूरी तरह पुरुषों का वर्चस्व था। अपनी मेहनत, प्रतिभा व योग्यता से पारुल ने बेहतर मुकाम हासिल किया। पिछले 15-16 वर्षों के इस सफर में उन्होंने अनेक घर, होटल, स्कूल, हास्पिटल को संवारने के साथ ही अनेक जिंदगियों को भी संवारा है। साथ ही कारपेंटर, पलंबर, फाल्स सीलिंग व इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा किए। दर्जनों लोग रोजगार से जुड़ चुके हैं।

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शहर के बड़े इंटीरियर डिजाइनरों में से एक हैं पारुल

वर्ष 2006 से पारुल ने अस्तित्व कंसल्टेशन के नाम से स्टार्टअप शुरू किया। महिला होने के नाते उनके सामने कड़े संघर्ष की चुनौती आई। इस चुनौती से निपटने के लिए उन्होंने महिलाओं को प्रशिक्षित कर सहयोगियों की एक टीम खड़ी की। विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने कड़े संघर्ष व अपनी प्रतिभा के बल पर अभीष्ट को प्राप्त किया। आज वह शहर के बड़े इंटीरियर डिजाइनरों में से एक हैं। उनका कहना है कि सहयोगी के रूप में अनेक महिलाएं आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। साथ ही अनेक क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं और दर्जनों लोग रोजगार से जुड़ चुके हैं।

पारुल ने नहीं चुना आसान रास्ता

पारुल बताती हैं कि इस कार्य का महत्व सर्वाधिक दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में था, वहां ज्यादा संघर्ष भी नहीं करना पड़ता। लेकिन उन्होंने गोरखपुर को चुना और संघर्ष को चुना। इस संघर्ष ने उनके हुनर को और निखारा। आज जब लोग प्रशंसा करते हैं और हमारे साथ काम करने वाली महिलाओं का जीवन सुखमय दिखता है तो असीम आनंद की अनुभूति होती है।

कठिन तप की परिचायक हैं मां ब्रह्मचारिणी

मां दुर्गा का द्वितीय मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप कठिन तप कर अभीष्ट प्राप्त करने वाली शक्ति का परिचायक है। विपरीत परिस्थितियों में अपने करियर में सफल होने वाली महिलाओं में मां दुर्गा के इसी स्वरूप का दर्शन होता है।


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