प्लास्टिक से एथेनाल बनाएगा नगर निगम, 19.40 करोड़ लगेगा प्लांट
गोरखपुर नगर निगम प्लास्टिक वेस्ट प्रोसेसिंग के लिए फ्यूल (ईंधन) प्लांट बनाएगा। इसके साथ ही शहर में जगह-जगह फेंका गया मलबा अब काम की चीज हो जाएगा। मलबा को मशीन से पीसकर इसका उपयोग निर्माण कार्यों में करने की योजना है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर शहर में इधर-उधर फेंके गए प्लास्टिक से अब एथेनाल बनेगा। नगर निगम प्लास्टिक वेस्ट प्रोसेसिंग के लिए फ्यूल (ईंधन) प्लांट बनाएगा। इसके साथ ही शहर में जगह-जगह फेंका गया मलबा अब काम की चीज हो जाएगा। मलबा को मशीन से पीसकर इसका उपयोग निर्माण कार्यों में करने की योजना है। शौचालयों से निकली गंदगी को घरों से इकट्ठा करने के लिए विशेष वाहन की भी खरीद की जाएगी।
स्वच्छ भारत मिशन नगरीय की ओर से नगर निगम को 19 करोड़ 40 लाख रुपये की राशि मिलने जा रही है। इन रुपयों से शहर में फेंके गए या जब्त किए गए प्लास्टिक का सुरक्षित निस्तारण कराने के लिए प्लांट लगाया जाएगा। प्लास्टिक से एथेनाल बनाने की योजना है। गोरखपुर के साथ ही लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी और झांसी नगर निगमों में प्लांट की स्थापना की अनुमति मिल गई है।
मलबा निस्तारण से दूर होगी गंदगी, बढ़ेगी आय
भवन निर्माण या भवन गिराने में भारी मात्रा में मलबा निकलता है। ज्यादातर लोग यह मलबा शहर में इधर-उधर फेंक देते हैं। इससे न सिर्फ गंदगी फैलती है वरन यातायात में भी यह मलबा बाधक बनता है। मलबा के सुरक्षित निस्तारण के लिए प्लांट की स्थापना की जाएगी। सहायक नगर आयुक्त डा. मणि भूषण तिवारी कहते हैं कि जल्द ही प्लांट की स्थापना के लिए जमीन चिह्नित कर ली जाएगी।
एफएसएसएम से शहर में नहीं फैलेगी गंदगी
शौचालयों से निकली गंदगी को सक्शन मशीनों के माध्यम से टैंकरों में इकट्ठा किया जाता है। शहर में फिकल स्लज एंड सेप्टेज मैनेजमेंट (एफएसएसएम) न होने के कारण गंदगी इधर-उधर फेंक दी जाती है। इससे न सिर्फ भूगर्भ जल दूषित होता है वरन वायु प्रदूषण भी होता है। गंदगी में मक्खी, म'छर व अन्य जीव-जंतुओं के पनपने से तरह-तरह की बीमारियों का खतरा मंडराता रहता है। इसे देखते हुए विशेष वाहन खरीदने की स्वीकृति दी गई है। जल निगम शहर में एफएसएसएम प्लांट स्थापित करेगा। यहीं गंदगी को निस्तारित कर पानी को खेतों और अन्य कार्यों में प्रयोग लायक बनाया जाएगा।
फैक्ट फाइल
एफएसएसएम वाहन पर होना वाला खर्च - 6.4 करोड़।
निर्माण व विध्वंस अपशिष्ट निस्तारण प्लांट - पांच करोड़।
प्लास्टिक से फ्यूल प्लांट की स्थापना - आठ करोड़।
इन नगर निगम में होगी स्थापना
एफएसएसएम वाहन - गोरखपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, अयोध्या।
मलबा निस्तारण प्लांट - गोरखपुर, कानपुर, अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मथुरा, फिरोजाबाद, झांसी, अयोध्या।
प्लास्टिक से फ्यूल प्लांट - गोरखपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी, झांसी।
शहर को बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हो रही है। मलबा का न सिर्फ सुरक्षित निस्तारण होगा वरन कमाई भी होगी। प्लास्टिक निस्तारित होने से जानवरों के असमय मौत का खतरा खत्म हो जाएगा। नगर निगम ईंधन बनाकर रुपये भी कमाएगा। शौचालय की गंदगी इकट्ठा करने के लिए विशेष वाहन आएगा। - अविनाश सिंह, नगर आयुक्त।