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गोरखपुर नगर निगम में तेल के खेल पर प्रहार, निरस्त की गई पुरानी पर्ची- अब जोनल अफसर के हस्ताक्षर से होगी जारी

गोरखपुर नगर निगम में तेल चोरी का खेल लंबे समय से जारी है। नगर आयुक्त ने तेल चोरी के खेल पर प्रहार करते हुए पुरानी पर्ची को निरस्त कर दिया है। वहीं अब सफाई निरीक्षक को पर्ची नहीं मिलेगी। जोनल अफसर के हस्ताक्षर से पर्ची जारी होगी।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Tue, 29 Nov 2022 02:10 PM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 02:10 PM (IST)
गोरखपुर नगर निगम में तेल के खेल पर प्रहार, निरस्त की गई पुरानी पर्ची- अब जोनल अफसर के हस्ताक्षर से होगी जारी
गोरखपुर नगर निगम में तेल के खेल पर प्रहार। (फाइल)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर नगर निगम में तेल के खेल पर रोक के लिए पुरानी पर्चियों को निरस्त कर दिया गया है। अब नगर निगम के लोगो वाली नई पर्चियों पर तेल दिया जाएगा। सफाई निरीक्षक से तेल की पर्ची देने की व्यवस्था को तत्काल खत्म कर दिया गया है। अब जोनल अफसर, निर्माण विभाग, जलकल और पथ प्रकाश विभाग के अधिशासी अभियंता या सहायक अभियंता के हस्ताक्षर से ही पर्ची जारी होगी। एक दिसंबर से नई व्यवस्था पूरी तरह लागू हो जाएगी। इस बीच तेल माफिया और सफाई निरीक्षक, सफाई सुपरवाइजर व अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत की पुष्टि के लिए सभी के फोन काल का पूरा ब्योरा इकट्ठा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तेल के खेल में शामिल सफेदपोशों की भी सूची बनायी जाएगी।

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पुरानी पर्ची को नगर आयुक्त ने किया निरस्त

नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने अवकाश के बाद भी नगर निगम में बैठक की। उन्होंने तेल चोरी को देखते हुए पुरानी पर्ची को निरस्त कर दिया। साथ ही पर्ची देने की व्यवस्था में भी बदलाव कर दिया। नई पर्ची प्रकाशित होने में लग रहे समय को देखते हुए नगर आयुक्त ने दो दिन के लिए पुरानी पर्ची को मान्य किया है। हालांकि पर्ची नई व्यवस्था में ही दी जाएगी।

गैलन में तेल देने पर लगी रोक

नगर आयुक्त ने सभी पेट्रोल पंप मालिकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह किसी भी हाल में नगर निगम के कर्मचारी को गैलन में तेल न दें। यदि गैलन में तेल लेना बहुत जरूरी है तो संबंधित जोनल अफसर को इसकी जानकारी दी जाएगी। जोनल अफसर जरूरत को देखते हुए पंप संचालक से बात कर तेल दिलाएगा।

पूरी गड्डी देते थे तेल माफिया को

जैसे-जैसे नगर आयुक्त की जांच आगे बढ़ रही है, नई-नई जानकारी सामने आ रही है। तीन सफाई निरीक्षक तेल की पर्ची की पूरी गड्डी ही तेल माफिया को सौंप देते थे। किसी चालक ने तेल की पर्ची मांगी तो सफाई निरीक्षक तेल माफिया से संपर्क करने को कहते थे। तेल माफिया पर्ची के सहारे तेल इकट्ठा कर बेच देता था। मिले रुपयों को सफाई निरीक्षक, सुपरवाइजर में बांटा जाता था। रविवार को मामला सामने आने के बाद तीनों सफाई निरीक्षकों ने पहले तेल माफिया से संपर्क कर पर्ची इकट्ठा की। एक ने तो तेल माफिया को भूमिगत हो जाने की भी सलाह दे दी।

जुगाड़ के लिए दौड़ रहा तेल माफिया

तेल और जीप जब्त हो जाने के बाद माफिया जुगाड़ लगा रहा है। उसने कुछ सफेदपोशों से संपर्क भी किया है। रुपये खर्च करने की भी बात सामने आयी है। एक सफेदपोश ने तेल माफिया को पंप से तेल का बिल अपने पास रखने को कहा है। उनका तर्क है कि तेल के बिल के आधार पर बताया जा सकेगा कि माफिया ने अपने इस्तेमाल के लिए तेल इकट्ठा किया था। हालांकि नगर आयुक्त का कहना है कि जो बिल दिया जाएगा, उसकी जांच तो करायी ही जाएगी, पंप पर लगे सीसीटीवी का फुटेज भी देखा जाएगा। देखा जाएगा कि तेल किसे दिया गया था।

यह है मामला

नगर आयुक्त ने रविवार दोपहर एक बजे मुंशी प्रेमचंद पार्क के पास नगर निगम के स्टोर के बगल में छापा मारा था। यहां एक जीप में चार गैलन में 150 लीटर से ज्यादा डीजल जब्त किया गया था। नगर आयुक्त को देख कर नगर निगम के कर्मचारी भाग निकले थे।

क्या कहते हैं अधिकारी

नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि पुरानी पर्ची को निरस्त कर नई व्यवस्था बना दी गई है। सफाई, निर्माण, जलकल और पथ प्रकाश के विभागाध्यक्ष रोजाना तेल की खपत की समीक्षा कर रिपोर्ट देंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस को सख्ती से लागू किया जा रहा है। यही वजह है कि जनता भी भ्रष्टाचार की सूचना वीडियो के साथ दे रही है।


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