स्वच्छ हवा के लिए गोरखपुर शहर को फिर मिले 4.6 करोड़, CPCB ने रुपये खर्च करने की मांगी कार्ययोजना
गोरखपुर शहर के हवा की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के चलते नगर निगम को अब तक 14 करोड़ से अधिक रुपये मिल चुके हैं। हवा स्वच्छ करने के लिए विभिन्न कार्ययोजना बनाई जा रही है। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रुपये खर्च करने की कार्ययोजना मांगी है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महानगर की हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए नगर निगम को फिर चार करोड़ 60 लाख रुपये मिले हैं। इन रुपयों से उपकरणों की खरीद और वातारण में धूल उड़ने से रोकने के उपाय किए जाएंगे। नगर निगम को पहले भी नौ करोड़ 63 लाख 66 हजार 51 रुपये मिले हैं। यानी अब तक नगर निगम को 14 करोड़ 23 लाख 66 हजार 51 रुपये मिल चुके हैं।
ठीक नहीं है महानगर में हवा की गुणवत्ता
महानगर में हवा की गुणवत्ता की स्थिति ठीक नहीं है। लगातार पांच साल तक हवा की गुणवत्ता खराब मिलने पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने महानगर को नान अटेनमेंट सिटी में शामिल किया है। राष्ट्रीय वायु स्वच्छता कार्यक्रम के तहत 42 उपायों से वायु प्रदूषण को कम करते हुए हवा की गुणवत्ता ठीक करनी है।
नोडल अधिकारी ने मांगी जानकारी
वायु प्रदूषण कम करने के लिए नगर निगम की ओर से हुए अब तक के प्रयासों की केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जानकारी मांगी है। निधि के उपयोग की स्थिति की जानकारी लेने के लिए नोडल अधिकारी एके त्रिपाठी ने अपर जिलाधिकारी नगर विनीत सिंह और नगर निगम के मुख्य अभियंता संजय चौहान के साथ बैठक की। एके त्रिपाठी ने मिले धन के उपयोग की जानकारी मांगी। मुख्य अभियंता ने बताया कि उपकरणों की खरीद के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। गोलघर से शास्त्री चौक तक सड़क की दोनों पटरियों पर इंटरलाकिंग कार्य के लिए टेंडर निकाला जा चुका है।
यह करना होगा
मशीन से सड़क की सफाई, फुटपाथ पर इंटरलाकिंग, ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण, चौराहों पर फव्वारा, डिवाइडर पर ग्रीन बेल्ट, मलबे के निस्तारण के कंस्ट्रक्शन एंड डिमालिशन वेस्ट मशीन की स्थापना, घरों से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण, यातायात को नियंत्रित करना, जगह-जगह पार्किंग की सुविधा, सड़क की सफाई आदि।
इसी वित्तीय वर्ष में खर्च करना होगा धन
नगर निगम को वर्तमान वित्तीय वर्ष में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिला धन खत्म करना होगा। नगर निगम की ओर से की गई व्यवस्था के आधार पर अगले वित्तीय वर्ष के लिए फिर धन मिल सकता है। अगले साल तक महानगर को वायु प्रदूषण से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।