विधायक राधा मोहन ने उठाया था सवाल, अब नगर निगम ने भी माना- डूब जाएगा आधा शहर Gorakhpur News
गोरखपुर के भाजपा विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने जिस मेडिकल रोड के मुख्य नाले का मुद्दा उठाया था उसकी गंभीरता को अब नगर निगम ने भी स्वीकार किया है।
गोरखपुर, जेएनएन। नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने जिस मेडिकल रोड के मुख्य नाले का मुद्दा उठाया था उसकी गंभीरता को अब नगर निगम ने भी स्वीकार किया है। नगर निगम ने स्वीकार किया है कि यदि नाला अपने वर्तमान स्वरूप में बना तो मेडिकल रोड की अधिकांश कालोनियों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।
विधायक ने अधिकारियों को चेताया
बुधवार को विधायक ने इसकी जानकारी मीडिया को दी। मीडिया से रूबरू विधायक ने कहा कि उन्हें असुरन चौराहे से लेकर मेडिकल कॉलेज तक की सैकड़ों कालोनियों के लाखों नागरिकों का जीवन नारकीय बनाने की छूट बिल्कुल नहीं देगें। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को 15 दिन का समय दिया गया है। यदि उन्होंने मेडिकल रोड के बन जाने के बाद दोनों तरफ निश्चित रूप से होने वाले स्थाई जलजमाव का समाधान नहीं निकाला तो न चाहते हुए भी मुझे सार्वजनिक रूप से सामने आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
मुआवजा का मुद्दा भी उठा
नगर विधायक ने कहा कि सभी नागरिकों ने इस खुशी में कि असुरन चौराहे से लेकर मेडिकल कॉलेज तक रोड माडल रोड बनने जा रही है अपने मकानों का जबरन टूटना भी स्वीकार कर लिया। हालांकि सत्य यही है कि हमारी मुख्यमंत्री से हुई वार्ता तथा घोषणा के बाद भी नागरिकों को अभी तक पीडब्ल्यूडी ने उनका वैधानिक मुआवजा भी नहीं दिया। अब हमारे विधानसभा में दुबारा उठाने पर सर्वे का काम शुरू हुआ है।
नगर विधायक ने कहा कि लाखों नागरिक यह जानकर हतप्रभ और स्तब्ध हैं कि जिस सड़क को वे माडल रोड समझ रहे थे उसके बन जाने के बाद उनकी सडकों और गलियों में हमेशा जलजमाव होगा और उनका जीवन नारकीय बन जायेगा। नगर विधायक ने कहा कि उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों तथा पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं के साथ नालों की लेबलिंग कराई थी और मेडिकल नाला दोनों तरफ की सड़कों के नाले से 80 सेमी ऊपर मिला था।
अधिकारियों ने डीएम का आदेश भी नहीं माना
जिलाधिकारी गोरखपुर की हमारी उपस्थिति में 13 दिसंबर 2019 को हुए सामूहिक बैठक में जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं को निर्देशित किया था कि विभाग नगर निगम के अधिकारियों के साथ पुनः नालों की लेबेलिंग कराकर नये सिरे से नाला बनाये। लेकिन पीडब्ल्यूडी के अभियंता इतने मनबढ़ हैं कि जिलाधिकारी की भी उन्होंने अवहेलना कर दी। नगर विधायक ने कहा कि उन्होंने दोबारा विधानसभा में विषय उठाया उप मुख्यमंत्री के कक्ष में अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव रंजन कुमार के साथ हमारी बैठक हुई और उन लोगों ने इन्जीनियर इन चीफ आरआर सिंह को खुद गोरखपुर जाकर जांच के लिए कहा लेकिन वे अब तक मौका नहीं निकाल पाये। नगर विधायक ने कहा कि उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्या को भी मिलकर उनके विभाग के अभियंताओं की कारगुजारी और ठेकेदार के सामने अभियंताओं के पूरे समर्पण से अवगत कराया जा चुका है और उप मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपने भाषण में इसका उल्लेख भी किया था।
नगर आयुक्त ने दी यह रिपोर्ट
विधायक ने कहा कि हमने नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह को निर्देशित किया था कि वे पूरे नाले की किसी विशेषज्ञ सर्वेयर से जांच कराएं। नगर आयुक्त ने हमें उसकी रिपोर्ट दे दी है । रिपोर्ट के अनुसार सभी पांच स्थलों पर जंहा-जंहा सर्वे कराया गया वहां मेडिकल कॉलेज रोड के दोनों तरफ बनाये गये और बनाए जा रहे नाले का लेबेल नगर निगम के दोनो तरफ के नालों से .446 मीटर से लेकर 2.448 मीटर तक अधिक ऊंचा है। कोई बताने को तैयार नहीं है कि आखिर इन क्षेत्रों के सैकड़ों मोहल्लों का पानी क्या सीढ़ी से चढकर मेडिकल रोड के नाले में जायेगा ? नगर आयुक्त ने अपनी टिप्पणी में लिखा है कि - यह एक अत्यंत ही गम्भीर विषय है। नगर निगम ने पूर्व में भी (17 दिसंबर 2018 ) लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा था। उन्हें पुन: पत्र लिख कर यह आशंका व्यक्त कर दी जाए कि भविष्य में शहर में जलभराव की समस्या खड़ी हो जायेगी।
विधायक ने कहा, हम निभाएंगे अपनी जिम्मेदारी
नगर विधायक ने कहा कि नगर के नागरिक वर्ष 2002 से उन्हें लगातार विधायक चुनते आये हैं और हमारी जिम्मेदारी सिर्फ उनसे है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम नागरिकों को सारी सच्चाई बताएं और उनके निर्देशानुसार आगे लोकतांत्रिक कदम उठाएं। विधायक ने कहा कि मैं लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण को सबकुछ बता चुका हूं और नगर आयुक्त की रिपोर्ट भी भेज चुका हूं। वे उन्हें यह भी बता चुके हैं कि वे एक सबकुछ सार्वजानिक करने जा रहे हैं।