BJP विधायक ने लगाया आरोप, रुपयों की लूट के लिए बन रहा था देवरिया नाला Gorakhpur News
यदि यह नाला बनकर तुर्रा नाला में मिलाया जाता तो बाढ़ के समय तुर्रा नाले का पानी इस नाले से होते हुए शहर में आकर तबाही मचाता। अब जल निगम नाले की उपयोगिता पर विचार कर रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया रोड से तुर्रा नाला तक जाने वाला नाला करोड़ों रुपये की लूट के लिए बनाया जा रहा है। जल निगम के अफसरों ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में मान लिया है कि नाला निर्माण से पहले तुर्रा नाले में पानी के उच्चतम स्तर की जांच नहीं की गई थी। यदि यह नाला बनकर तुर्रा नाला में मिलाया जाता तो बाढ़ के समय तुर्रा नाले का पानी इस नाले से होते हुए शहर में आकर तबाही मचाता।
जांच के बाद मिली जानकारी
यह जानकारी नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने दी। नगर विधायक ने बताया कि जल निगम के प्रबंध निदेशक विकास गोठनवाल ने उनसे फोन पर बात कर बताया कि देवरिया रोड पर बन रहे नाले की डिजाइन गलत बनाई गई है। जल निगम के संयुक्त प्रबंध निदेशक (प्रशासन) अविनाश ने दो दिन की जांच के बाद मौखिक रूप से उन्हें जानकारी दी है।
सपा सरकार में जारी हुआ था 16 करोड़
नगर विधायक ने कहा कि सपा सरकार में नाले के लिए 16 करोड़ का बजट जारी हुआ था। नाला कुसम्ही जंगल के रास्ते जाना था लेकिन वन विभाग को इसकी जानकारी ही नहीं दी गई थी। चार किलोमीटर बनने के बाद नाला का निर्माण रुक चुका है। उन्होंने कहा कि वह तीन साल से इस नाले को घोटाले का नाला बताते रहे। लेकिन अफसर लीपापोती करते रहे। कहा कि एक किलोमीटर दूरी पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक नाला सिर्फ तीन करोड़ में बन सकता था। नगर विधायक ने कहा कि अब जल निगम चार किलोमीटर तक बन चुके नाले की उपयोगिता पर विचार कर रहा है।
अधोमानक पाइप के आरोप भी सही
नगर विधायक ने कहा कि नंदानगर से मालवीयनगर तक डाली गई सीवर लाइन पर उनकी आपत्तियों को जल निगम ने सही माना है। साथ ही पचपेड़वा से लच्छीपुर तक फटी और अधोमानक पाइप डालने के आरोप भी सही मिले हैं। इस पाइप को बदलवाया जाएगा। नगर विधायक ने प्रबंध निदेशक से कहा कि वह परियोजना प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई करें।