गोरखपुर मेडिकल कालेज ने मरीज को लौटाया, मौत- कमिश्नर ने बैठाई जांच Gorakhpur News
BRD मेडिकल कालेज गोरखपुर से एक गंभीर मरीज को लौटा दिया गया। न उसकी कोरोना जांच की गई और न ही भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। उसे दूसरे दिन बुलाया गया। दूसरे दिन जब मरीज को लेकर घर वाले पहुंचे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कालेज में मरीज को ट्रामा सेंटर से नियम का हवाला देकर लौटा दिया गया। न उसकी कोरोना जांच की गई और न ही भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। उसे दूसरे दिन बुलाया गया। दूसरे दिन जब मरीज को लेकर घर वाले पहुंचे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, मेडिकल कॉलेज में डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस संबंध में परिजनों ने मंडलायुक्त से शिकायत की है।
यह है मामला
सदर तहसील के शेरपुर चमराह (सिंहोरवा) निवासी राजेंद्र प्रसाद जायसवाल की पत्नी शकुंतला देवी को चार सितंबर को शरीर में कमजोरी महसूस हुई। स्वजन उन्हें लेकर एक निजी चिकित्सक के यहां गए। उन्होंने मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। परिजन मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर पहुंचे। नियम का हवाला देकर कर्मचारियों ने उन्हें वापस भेज दिया। राजेंद्र प्रसाद जायसवाल के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में बताया कि कल आपको फोन से जिस समय बुलाया जाएगा, उसी समय आना होगा। स्वजन वहां से मरीज को लेकर एहतियातन बेतियाहाता के निजी पैथोलाजी गए और कोरोना जांच के लिए उनका नमूना दिया और मरीज को लेकर घर चले गए। दूसरे दिन मेडिकल कालेज जा रहे थे कि रास्ते में ही शंकुलता देवी बेहोश हो गईं। मेडिकल कालेज पहुंचने पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। तब तक कोरोना जांच रिपोर्ट आ चुकी थी। वह पाजिटिव थीं। इसलिए कालेज प्रशासन ने उनका शव रोक लिया। दूसरे दिन कोविड प्रोटोकाल के तहत राजघाट पर उनका अंतिम संस्कार कराया गया।
क्या है नियम
मेडिकल कालेज प्रशासन ने कोरोना से बचाव के लिए नई रूपरेखा में ओपीडी शुरू की है। इसके लिए मोबाइल नंबर जारी किया गया है। फोन करने पर दूसरे दिन मरीज को एक निश्चित समय पर बुलाया जा रहा है। गंभीर रूप से बीमार शकुंतला देवी को भी इसी नियम का हवाला देकर दूसरे दिन बुलाया गया था।
मंडलायुक्त ने बैठाई जांच
राजेंद्र प्रसाद जायसवाल की शिकायत पर मंडलायुक्त ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर जांच सौंप दी है। साथ ही मेडिकल कालेज प्रशासन से इस संबंध में जवाब मांगा है।
डाक्टरों की लापरवाही से जा चुकी है एक और मरीज की जान
बिछिया निवासी उपेंद्र मिश्र की पिछले 18 अगस्त की सुबह अचानक तबीयत खराब हो गई थी। स्वजन उन्हें लेकर तत्काल मेडिकल कालेज पहुंचे। डाक्टरों ने कोरोना की आशंका जताते हुए भर्ती करने से मना कर दिया। जब स्वजन ने बताया कि उन्हें कोरोना नहीं है तो वे इस बात का प्रमाण मांगने लगे। विवश होकर वे मेडिकल कालेज रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए। वहां भी कोरोना की बात कहते हुए डाक्टरों ने भर्ती नहीं किया। तारामंडल स्थित दूसरे निजी अस्पताल तक पहुंचते-पहुंचते उनकी जान चली गई।
संदिग्ध मरीजों को भी भर्ती कर कोविड प्रोटोकाल के तहत उनका इलाज किया जा रहा है। उसके बाद कोरोना जांच कराई जा रही है। निगेटिव आने पर उन्हें संबंधित वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है। इस तरह की शिकायत मेरे संज्ञान में नहीं है। मैं पता करता हूं कि उस दिन ट्रामा में किसकी ड्यूटी थी। - डा. गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कालेज।