गोरखपुर के महापौर का नाम शिलापट में सबसे नीचे किया, जवाब तलब
नगर निगम के मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र ने कहा कि कार्यदायी संस्था के ठीकेदार को शिलापट का नया प्रारूप लेकर उपस्थित होने को कहा गया है। शिलापट लगाने के पहले मुझे दिखाया भी नहीं गया था। नए प्रारूप के आधार पर शिलापट को बदला जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। पुर्दिलपुर वार्ड में सार्वजनिक शौचालय के शिलापट में प्रोटोकाल उल्लंघन का मामला तूल पकडऩे लगा है। शिलापट में सबसे नीचे नाम आने पर महापौर सीताराम जायसवाल ने नाराजगी जताई तो मुख्य अभियंता ने कार्यदायी संस्थान कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) के इंजीनियर को तलब कर लिया। अब दूसरा शिलापट लगाया जाएगा।
11 जून को महापौर ने पुर्दिलपुर वार्ड में सार्वजनिक शौचालय का लोकार्पण किया था। नगर निगम ने 15 लाख रुपये की लागत से शौचालय का निर्माण कराया है। सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आर्गनाइजेशन को शौचालय के संचालन का जिम्मा सौंपा गया है।
नगर निगम के मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र ने कहा कि कार्यदायी संस्था के ठीकेदार को शिलापट का नया प्रारूप लेकर उपस्थित होने को कहा गया है। शिलापट लगाने के पहले मुझे दिखाया भी नहीं गया था। नए प्रारूप के आधार पर शिलापट को बदला जाएगा।
पूर्व उपसभापति और पार्षद का नाम ऊपर
शौचालय के लोकार्पण शिलापट में सबसे ऊपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम है। इसके बाद नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, सदन सांसद रवि किशन शुक्ल, नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल, नगर निगम के पूर्व उपसभापति सुरेंद्र जायसवाल, पुर्दिलपुर वार्ड के पार्षद मनु जायसवाल का नाम है। इसके बाद सबसे आखिरी में महापौर सीताराम जायसवाल का नाम है। सुरेंद्र जायसवाल और मनु जायसवाल पिता-पुत्र हैं। महापौर सीताराम जायसवाल का कहना है कि पुर्दिलपुर वार्ड में प्रोटोकाल के खिलाफ बिना मुख्य अभियंता से अनुमति लिए शिलापट लगाया गया है। नियम है कि मुख्य अभियंता की पहले अनुमति लेनी होगी। इस मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।
पुर्दिलपुर के पार्षद मनु जायसवाल का कहना है कि शहर में अन्य स्थानों लगे शिलापट की तरह ही पुर्दिलपुर वार्ड में भी शिलापट पर नाम लिखे गए हैं। इसके बारे में विभाग जाने लेकिन यदि पुर्दिलपुर में बदलाव किया जाएगा तो पूरे शहर का शिलापट बदला जाना चाहिए।