गोरखपुर खाद कारखाने की जमीन 53 अरब 14 करोड में गिरवी
एचयूआरएल गोरखपुर के वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित का कहना है कि गोरखपुर के खाद कारखाने के संचालन के लिए कारखाना की जमीन बंधक रखकर 53 अरब 14 करोड़ 33 लाख रुपये का ऋण लिया गया है। यह दिल्ली के सात बैंकों से लिया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। सदर तहसील क्षेत्र में उप निबंधक प्रथम के कार्यालय को एक ही डीड से 53 करोड़ 19 लाख 33 हजार रुपये की आय हुई है। गोरखपुर के रजिस्ट्री विभाग के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी आय है। यह आय हिन्दुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की ओर से कारखाने की जमीन बंधक रखकर दिल्ली के सात बैंकों से 53 अरब, 14 करोड़ 53 लाख रुपये का लिया लेने के कारण हुई है।
बैंकों का प्रतिनिधित्व एसबीआइ कैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड ने किया।
कारखाने की जमीन बंधक रख लिया ऋण
गोरखपुर में नए खाद कारखाने का निर्माण चल रहा है। इसकी कंपनी एचयूआरएल की ओर से कारखाने की जमीन को बंधक रख कर सोमवार को ऋण लिया गया। इस ऋण के पंजीकरण के लिए स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क के रूप में रजिस्ट्री विभाग को यह आय हुई है। डीड के दौरान एचयूआरएल के वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित और एसबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड के मनन ओबेराय और उप निबंधक प्रथम योगेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
करीब दो महीने से चल रही थी प्रक्रिया
यह उपलब्धि हासिल करने वाले उप निबंधक प्रथम योगेंद्र सिंह ने बताया कि ऋण के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया करीब दो महीने से चल रही थी। ऋण के लिए कई दस्तावेज दिल्ली भेजने पड़े थे। उन्होंने बताया कि गोरखपुर रजिस्ट्री दफ्तर के इतिहास में यह पहला मौका हैजब विभाग को एक ही डीड से इतनी बड़ी आय हुई है।
53 अरब 14 करोड 33 लाख रुपये लिया ऋण
एचयूआरएल गोरखपुर के वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित का कहना है कि कोटखाद कारखाने के संचालन के लिए कारखाना की जमीन बंधक रखकर 53 अरब 14 करोड़ 33 लाख रुपये का ऋण लिया गया है।
पंजीकरण शुल्क एवं स्टांप ड्यूटी के रूप में रजिस्ट्री आफिस को 53.19 करोड़ रुपये की आय हुई है। खाद कारखाने का संचालन जल्द शुरू किया जाएगा।