गोरखपुर में अवैध निर्माण का दाग धोने में QRT करेगी मदद, हर सप्ताह जीडीए को रिपोर्ट सौंपेगी टीम
गोरखपुर शहर के अंदर अवैध निर्माण की शिकायतें लगातार आ रही हैं। ऐसे में जीडीए ने क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) के गठन का निर्णय लिया है। टीम अवैध निर्माण का पता लगाएगी और इसकी रिपोर्ट हर सप्ताह जीडीए को सौंपेगी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अवैध प्लाटिंग पर शिकंजा कसने के साथ ही गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने शहर के भीतर अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए भी ठोस योजना बनाई है। इसके लिए क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) का गठन किया जाएगा। यह टीम एक महीने के भीतर शहर के सभी हिस्सों में हो रहे अवैध निर्माण का पता लगाएगी। प्रथम चरण में केवल उन्हीं भवनों पर फोकस किया जाएगा, जिनका निर्माण चल रहा होगा। जहां परिवार रह रहे हैं, उन मकानों को बाद में चेक किया जाएगा। टीम को हर सप्ताह जीडीए उपाध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट देनी होगी।
आवास विभाग की सूची में ठीक नहीं है जीडीए की स्थिति
हर साल आवास विभाग की ओर से जारी होने वाली सूची में अवैध निर्माण की दृष्टि से जीडीए की स्थिति अच्छी नहीं होती। इस बार इसे सर्वाधिक अवैध निर्माण वाला प्राधिकरण घोषित किया गया। हालांकि विनियमितीकरण के चक्कर में 20 हजार से अधिक नोटिस एवं कार्रवाई की गई है। इसी के चलते अवैध निर्माण का आंकड़ा यहां ज्यादा नजर आता है। विनियमितीकरण की समस्या हल होने की उम्मीद है। ऐसा हुआ तो प्राधिकरण अवैध निर्माण का दाग धोने में कामयाब हो सकेगा। वर्तमान में भी बहुत से निर्माण बिना मानचित्र स्वीकृत कराए हो रहे हैं। इनकी शिकायतें भी लगातार मिल रही हैं। इसी को रोकने के लिए क्यूआरटी का गठन किया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि शहर में अवैध निर्माण रोकने के लिए क्यूआरटी का गठन किया जा रहा है। जल्द ही टीम बना ली जाएगी। एक-एक निर्माण की जांच की जाएगी। इस टीम में पुलिस को भी शामिल किया जाएगा। प्रतिदिन इसके कार्यों की समीक्षा भी होगी।
यह होगा स्वरूप
क्यूआरटी, जीडीए एवं पुलिस की संयुक्त टीम होगी। जीडीए की ओर से इस तरह की कई टीमों का गठन किया जाएगा। इसमें सहायक अभियंता, अवर अभियंता एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के सदस्य शामिल किए जाएंगे। प्रयास यह होगा कि अभियंता अपने जोन में न भेजे जाएं। सर्वेयर को भी उनके जोन से अलग रखा जाएगा। हर सप्ताह टीम में परिवर्तन करने की योजना है। सुबह ही बताया जाएगा कि किस टीम को किस जोन में जाना है। जिस जोन में जाएंगे, वहां की थाना पुलिस भी उनके साथ होगी। प्रतिदिन शाम को कार्रवाई की रिपोर्ट देनी होगी। यह टीम हो रहे निर्माणों के प्रपत्र जांचेगी। अवैध निर्माण मिलने पर सील की कार्रवाई की जाएगी।