Move to Jagran APP

अवैध संबंध में गई होटल संचालक की जान ? सुसाइड नोट ने छोड़े कई सवाल Gorakhpur News

होटल कैलाश के संचालक संजय मल्‍ल की जेब में मिले सुसाइड नोट में यह आरोप लगाया है कि उन्‍होंने अनामिका को किश्‍तों में करोड़ों रुपये दिए थे। कुल कितने रुपये दिए हैं इसकी जानकारी किसी को नहीं है। आशंका है कि संजय की जान अवैध संबंध के कारण गई।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 07:05 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 05:52 PM (IST)
अवैध संबंध में गई होटल संचालक की जान ? सुसाइड नोट ने छोड़े कई सवाल  Gorakhpur News
अवैध संबंधों में गोरखपुर में होटल संचालक की जान चली गई। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। होटल कैलाश के संचालक संजय मल्‍ल की मौत के साथ यह इस राज से पर्दा नहीं उठ रहा है कि पिछले तीन वर्षों से उन्‍होंने अपनी कमाई का कहां-कहां खपाई थी। उनके जेब में मिले सुसाइड नोट के माध्‍यम से यह आरोप लगाया है कि उन्‍होंने अनामिका उर्फ बबली को किश्‍तों में करोड़ों रुपये दिए थे। कुल कितने रुपये दिए हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि होटल की सारी कमाई अनामिका ही लेती थी। 

prime article banner

यह है मामला

धर्मशाला बाजार स्थित होटल कैलाश के संचालक का शव मंगलवार दोपहर जेमिनी पैराडाइज अपार्टमेंट के फ्लैट में फंदे से लटका मिला था। दो दिन से दरवाजा न खुलने पर सोसाइटी के लोगों ने उन्हें फोन किया। काल रिसीव न होने पर कारपेंटर की मदद से दरवाजा खोला तो बेडरूम में उनका शव पंखे से लटका मिला। गुलरिहा पुलिस को उनके पैंट की जेब से एक पन्ने का सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने पट्टीदारी की चाची पर गंभीर आरोप लगाते हुए मौत का जिम्मेदार बताया।

प्रापर्टी डीलिंग का भी काम करते थे संजय 

संजय इसके अलावा प्रापर्टी डीलिंग का भी काम करते थे। प्रापर्टी डीलिंग के जरिये ही उन्‍होंने अच्‍छा रुपया कमाया है। उनके भाई प्रमोद मल्‍ल कहते हैं कि वह कितना रुपया कहां खर्च करते थे, इसकी जानकारी किसी को नहीं थी। घर के लोग तो यही समझते थे कि वह होटल की कमाई प्रापर्टी डीलिंग में लगा रहे हैं। उन्‍होंने कई स्‍थानों पर प्‍लाट भी खरीदा है। प्‍लाट कहां-कहां खरीदा है। इसकी सटीक जानकारी किसी को नहीं है। उन्‍होंने कहा कि उनकी डायरी देखने से ही पता चलेगा कि उनके कितने रुपये किसके पास हैं।

सात माह से जेमिनी पैराडाइज में रह रहे थे संजय

मंगलवार दोपहर संजय का शव जेमिनी पैराडाइज के टावर 2 के फ्लैट 525 से लटकता मिला। वह वहां अजय गुप्‍ता के यहां किराये पर रहते थे। वह जेमिनी में कब से रह रहे थे, इसे लेकर भी भ्रम की स्थिति है। जेमिनी के मैनेजर विनोद यादव का कहना है कि वह करीब सात माह से वहां रह रहे थे। उनके पट्टीदारी के एक भाई ने उन्‍हें फोन पर सूचना दी कि दो दिन से संजय का मोबाइल स्विच आफ जा रहा है। ऐसे में पुलिस बुलाकर दरवाजा खोला गया तो पंखे से लटकता उनका शव मिला। उन्‍होंने कहा कि वह सिर्फ रात में वहां आने की बात बता रहे हैं, जबकि गार्ड ने बताया कि संजय करीब दो माह से जेमिनी में रहते थे। संजय के छोटे भाई प्रमोद का कहना है कि वह कहां रहते थे, इसके विषय में किसी को जानकारी नहीं थी। वह रोजाना घर पर आते थे। उनका अधिक वक्‍त होटल पर ही गुजरता था। 

अनामिका को पुलिस ने भेजा जेल

संजय के सुसाइड नोट में अनामिका पर रुपये लेने व हत्‍या के लिए धमकी देने का आरोप है। सुसाइड नोट में संबंध के लिए दबाव बनाने का आरोप है। पुलिस ने प्रमोद की तहरीर पर अनामिका व उसके पति राजू के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। दोनों को हिरासत में भी रखा। बुधवार को अनामिका को पुलिस ने जेल भेज दिया। अनामिका ने संजय पर ही आरोप लगाया है कि वह उस पर दबाव बनाता था। दीपावली के दिन उसने फोन करके गाली भी दी थी। 

सीडीआर भी खोल सकता है कई राज

संजय आत्‍महत्‍या प्रकरण में सीडीआर भी कई राज से पर्दे उठा सकता है। सीडीआर से यह ज्ञात हो सकता है कि किसकी तरफ से अधिक काल होती थी। 

जग जाइए पापा, अब हमें कौन देखेगा

शाहपुर थाना क्षेत्र के रामजानकीनगर निवासी संजय मल्ल का शव बुधवार शाम पोस्‍टमार्टम के बाद घर पहुंचा। शव देखते ही स्‍वजन में कोहराम मच गया। मृतक की मां उषा मल्‍ल, पत्नी संध्या मल्ल, बेटी  मुस्कान व बेटा अनंत मल्ल का रो -रो कर बुरा हाल हो गया । पत्नी व मां बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। मुस्‍कान व अनंत रो-रोकर कह रहे थे कि जब जाइए पापा, अब हमारी देखरेख कौन करेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.