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गोरखपुर में कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारी नाकाफी, नहीं बढ़ी जांच, ऑक्सीजन प्लांट भी बंद

देश के अनेक हिस्सों में तेजी से फैल रहे संक्रमण से विभाग बेखबर है। जिले में संक्रमण से बचाव की तैयारी के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। वहीं तीन माह से वैक्सीन खत्म है। अभी तक 64 प्रतिशत लोगों को सतर्कता डोज नहीं लगी है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Mon, 27 Mar 2023 08:39 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2023 08:39 AM (IST)
गोरखपुर में कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारी नाकाफी, नहीं बढ़ी जांच, ऑक्सीजन प्लांट भी बंद
देश के अनेक हिस्सों तेजी से फैल रहे संक्रमण से विभाग बेखबर। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। देश के अनेक हिस्सों में फैल रहे कोरोना संक्रमण से विभाग बेखबर है। तैयारी के नाम पर खानापूरी की जा रही है। कोविड अस्पतालों को क्रियाशील करने का निर्देश जारी कर विभाग सो रहा है। न तो जांच संख्या बढ़ाई गई और न ही अभी तक कोई एहतियाती कदम उठाए गए हैं। स्थिति यह है कि जिले में तीन माह से कोरोनारोधी वैक्सीन खत्म है। अभी तक 64 प्रतिशत लोग सतर्कता डोज से वंचित हैं। अनेक आक्सीजन प्लांट भी बंद चल रहे हैं। ऐसे में कोरोना ने दस्तक दी तो स्थितियों से निपटने में विभाग फेल ही नहीं होगा, आमजन का स्वास्थ्य भी खतरे में पड़ेगा।

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सरकार ने दिया है ये निर्देश

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत सरकार ने कोविड से निपटने की तैयारी करने का निर्देश दिया है। इसी क्रम में 10 व 11 अप्रैल को कोविड अस्पतालों में पूर्वाभ्यास भी संभावित है, लेकिन तैयारी के नाम पर जिले में कुछ नहीं है। अभी तक न तो रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन व एयरपोर्ट पर जांच बूथ बनाए गए और न ही नियमित जांच केंद्रों पर जांच संख्या ही बढ़ी। जबकि, सर्दी-जुकाम-खांसी व सांस फूलने के रोगियों की संख्या ओपीडी में बढ़ गई है। दिल्ली, मुंबई व अन्य शहरों से रेलवे व एयरपोर्ट के जरिये आने वाले लोग बिना जांच कराए घर जा रहे हैं। यदि उनमें संक्रमण हुआ तो फैलते देर नहीं लगेगी। कोरोना की दूसरी लहर में यही हुआ था। विभाग की उदासीनता से संक्रमण फैलने की अशंका बलवती होती जा रही है।

दूसरी लहर में भयावह हुई थी स्थिति

दूसरी लहर में कोरोना की भयावहता देखते हुए शासन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय लिया था, ताकि आक्सीजन की कमी न होने पाए। प्लांट तो स्थापित हो गए, लेकिन ज्यादातर चल नहीं रहे हैं और न ही आक्सीजन का उत्पादन हो पा रहा है। कारण है कि स्थापना के लगभग दो साल बाद भी उनकी मरम्मत नहीं हुई है। सहजनवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पर लगा आक्सीजन प्लांट केवल 15 दिन ही चला था। इसके बाद बंद हो गया और आज तक शुरू नहीं हो पाया।

अधीक्षक डॉ. व्यास कुशवाहा ने कहा कि तकनीकी कारणों से आक्सीजन प्लांट नहीं चल रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरौली में भी आक्सीजन प्लांट का संचालन बंद है। अधीक्षक डा. एसएन मिश्रा ने बताया कि दो माह पहले बिजली विभाग ने ट्रांसफार्मर से प्लांट का कनेक्शन काट दिया। तभी से प्लांट बंद चल रहा है।

यही हाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौरीचौरा के आक्सीजन प्लांट का भी है। लगभग छह माह से प्लांट खराब है। आक्सीजन का उत्पादन नहीं हो रहा है। प्लांट में ताला लटका हुआ है। प्रभारी डा. आरपी सिंह का कहना है कि काफी दिनों से आक्सीजन प्लांट का सेंसर खराब हो गया है, जिसके चलते प्लांट बंद है। इसे ठीक कराने के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी

सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि सहजनवां में जेनरेटर खराब होने की सूचना है, इस वजह से वहां प्लांट नहीं चल पा रहा है। अन्य जगहों पर यदि प्लांट खराब हुआ है तो उसे ठीक करा दिया जाएगा। कोविड के दृष्टिगत तैयारी चल रही हैं। अस्पतालों, वेंटीलेटर, वाईपैप आदि को क्रियाशील करने का निर्देश दिया गया है। जांच भी बढ़ा दी जाएगी।

जिले में यह है व्यवस्था

  • 57 कोविड अस्पताल
  • 57 जांच केंद्र
  • 2900 बेड
  • 1500 बेड सरकारी अस्पतालों में
  • 1400 बेड निजी अस्पतालों में
  • 1063 बेड व्यस्कों के लिए आइसीयू के
  • 88 बेड बच्चों के लिए पीआइसीयू के
  • 342 वेंटिलेटर
  • 262 हाई-फ्लो नेजल कैनुला
  • 457 बाइपैप
  • 42 रैपिड रिस्पांस टीमें
  • 1464 निगरानी समितियां

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