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गोरखपुर खाद कारखाना : उत्पादन से पहले ही बिकने लगेगी खाद, जानें- कैसे Gorakhpur News

हिन्‍दुस्‍तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का खाद कारखाना भले ही फरवरी 2021 में शुरू करने का लक्ष्य है लेकिन पूर्वांचल के किसानों को अगले साल से ही खाद मिलने लगेगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 11:35 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 04:18 PM (IST)
गोरखपुर खाद कारखाना : उत्पादन से पहले ही बिकने लगेगी खाद, जानें- कैसे Gorakhpur News
गोरखपुर खाद कारखाना : उत्पादन से पहले ही बिकने लगेगी खाद, जानें- कैसे Gorakhpur News

गोरखपुर, विकास मिश्र। हिन्‍दुस्‍तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का खाद कारखाना भले ही फरवरी 2021 में शुरू करने का लक्ष्य है लेकिन पूर्वांचल के किसानों को अगले साल से ही खाद मिलने लगेगी। यह खाद देश के अन्य खाद कारखानों से मंगा कर बेची जाएगी। इसे खाद कारखाना के मार्केटिंग को पहले से ही मजबूत बनाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।

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3850 मिट्रिक टन प्रतिदिन की होगी क्षमता

गोरखपुर के खाद कारखाना की उत्पादन क्षमता 3850 मिट्रिक टन प्रति दिन की होगी। खाद कारखाना के निर्माण की जिम्मेदारी पांच कंपनियों-एनटीपीसी, सीआइएल, आइओसीएल, एफसीआइएल व एचएफसीएल के ज्वाइंट वेंचर एचयूआरएल (हिदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड) को सौंपी गई है।

जीएसएफसीएल के एमडी ने देखी व्यवस्था

गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड (जीएसएफसीएल) के एमडी सुजीत गुलाटी गुजरात कैडर के आइएएस अफसर हैं। मंगलवार को एचयूआरएल के एमडी एके गुप्ता के साथ वह भी खाद कारखाना पहुंचे थे। माना जा रहा है कि सुजीत गुलाटी खाद की मार्केटिंग को समझने के लिए गोरखपुर आए थे।

ऐसे बनेगी यूरिया

खाद कारखाना में पहले यूरिया का घोल तैयार किया जाएगा। इसे प्रीलिंग टॉवर में ऊपर से एक मशीन के जरिये डाला जाएगा। ऊपर से घोल नीचे की तरफ आएगा और नीचे हवा ऊपर जाएगी। हवा के रीएक्शन से घोल यूरिया दाने के रूप में तब्दील होकर नीचे गिरेगा। गोरखपुर में बनने वाली यूरिया नीम कोटेड होगी।

खाद कारखाना पहुंची मशीन, ट्रायल अगले साल से

खाद कारखाना के अमोनिया प्लांट की विशालकाय मशीन फैक्ट्री पहुंच गई। एचयूआरएल के अधिकारियों ने पूजन और झंडी दिखाकर परिसर में दाखिल कराने के बाद मशीन को टोयो कंपनी के सुपुर्द कर दिया। मशीन का ट्रायल अगले वर्ष शुरू होने की उम्मीद है। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के एमडी एके गुप्ता और गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड के एमडी सुजीत गुलाटी ने बताया कि अमोनिया प्लांट की मशीन का निर्माण गोदरेज ने मुंबई में कराया है। 150 से ज्यादा लोग इस मशीन को यहां तक लाए हैं।

पुलिस, प्रशासन, वन विभाग, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, बिजली निगम के अफसरों और कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा है। 36 महीने में खाद कारखाना शुरू हो जाएगा। यह अपने आप में रिकार्ड है। मशीन के पहुंचने पर एचयूआरएल के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट वीके दीक्षित, सीनियर मैनेजर सुबोध दीक्षित, टोयो के आरसीएम एस चंद्रा आदि मौजूद रहे।

बिजली काटकर रोक दी गई ट्रैफिक

कई पहियों वाले ट्रेलर पर लदी मशीन को कुशीनगर फोरलेन के पास रोका गया था। सोमवार देर रात इसे कारखाने तक लाने के लिए ट्रैफिक रोक दिया गया। मशीन जिस भी रास्ते से गुजरी, उस इलाके की बिजली सप्लाई भी उतनी देर के लिए काट दी गई। अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा ने बताया कि कई जगह तारों की ऊंचाई कम होने के चलते ऐसा किया गया।


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