Coronavirus in Gorakhpur: गोरखपुर के बाजार से रेमडेसिविर और फेबीफ्लू नदारद, कोरोना मरीज परेशान
कोविड-19 की दूसरी लहर में मरीजों को बेड आक्सीजन और वेंटीलेटर ही नहीं दवाओं की कमी से भी जूझना पड़ रहा है। होम आइसोलेशन वाले मरीजों की बात तो दूर की है अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी आवश्यकतानुसार आसानी से दवा नहीं मिल पा रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के इलाज में अहम भूमिका निभाने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन और फेबीफ्लू टैबलेट बाजार से पूरी तरह खत्म हो गई है। थोक से लेकर फुटकर बाजार में दवा उपलब्ध न होने की वजह से मरीजों के इलाज पर संकट खड़ा हो गया है। दवा विक्रेताओं का कहना है कि शहर में कम से कम तीन हजार वायल रेमडेसिविर और कम से कम इतना ही फेबीफ्लू की जरूरत है, लेकिन मांग के सापेक्ष आधी सप्लाई भी नहीं हो पा रही है। आज सोमवार की शाम या मंगलवार की सुबह तक शहर में रेमडेसिविर और फेबीफ्लू आने की उम्मीद है।
दो दिन पहले आई 500 वायल खत्म, कल तक आने की उम्मीद
कोविड-19 की दूसरी लहर में मरीजों को बेड, आक्सीजन और वेंटीलेटर ही नहीं दवाओं की कमी से भी जूझना पड़ रहा है। होम आइसोलेशन वाले मरीजों की बात तो दूर की है अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी आवश्यकतानुसार आसानी से दवा नहीं मिल पा रही है। कोरोना मरीजों को इलाज के प्रारंभिक चरण में दिए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की शहर में जबरदस्त कमी हो गई है। दो दिन पहले ही 500 वायल इंजेक्शन शहर में आई थी, जिसमें से 100 वायल जिला प्रशासन को दी गई जबकि 200-200 वायल इंजेक्शन की बिक्री दो दुकानों से की गई। फेबीफ्लू टैबलेट की भी कमोबेश यही स्थिति है।
शहर को फिलहाल 3000 वायल की न्यूनतम जरूरत
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय उपाध्याय ने बताया कि मेडिकल कालेज और निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या को देखते हुए शहर को कम से कम तीन हजार वायल रेमडेसिविर मिले तब जाकर स्थिति कुछ नियंत्रण में आएगी। मंत्री दिलीप सिंह ने बताया कि दोनों दवाएं फुटकर बाजार में नहीं हैं। यदि कोई स्टाकिस्ट 320 पत्ते का आर्डर लगा रहा है तो उसे 160 पत्ते की भी सप्लाई मुश्किल से मिल रही है।
चल रही बातचीत, नहीं हो पा रही सप्लाई
औषधि निरीक्षक जय सिंह ने बताया कि बाजार में रेमडेसिविर और फेबीफ्लू नहीं है। इसकी उपलब्धता को लेकर संगठन से लगातार बात की जा रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों में भी इंजेक्शन और दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है।