राखी हत्याकांड में गोरखपुर के हत्यारोपित डॉ. डीपी सिंह की जमानत अर्जी खारिज
राखी हत्याकाड के आरोपित गोरखपुर के आर्यन हास्पिटल के डॉक्टर डीपी सिंह की जमानत अर्जी खारिज ख्हो गया है। उन्हें जेल भेज दिया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। राखी हत्याकाड के आरोपित आर्यन गोरखपुर के हास्पिटल के डॉक्टर डीपी सिंह और दो सहयोगियों की जमानत अर्जी को जिला जज गोविंद बल्लभ शर्मा ने खारिज कर दी।
अभियोजन की ओर से डीजीसी यशपाल सिंह ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि कैंट के बिंलदपुर निवासी अमर प्रकाश श्रीवास्तव ने चार जुलाई 2018 को शाहपुर थाना में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस को सूचना दी कि 24 जून 2018 की रात में उनकी पत्नी के मोबाइल पर फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को मनीष सिन्हा बताते हुए कहा कि तुम्हारी ननद राजेश्वरी उर्फ राखी से मेरे संबंध हैं। जो तीन जून 2018 से कुछ दिन तक नेपाल में रही। उससे मैं शादी करना चाहता हूं। अगर तुम्हारे पति अड़ंगेबाजी करेंगे तो राखी और तुम्हें जान से मार दूंगा। तभी से राजेश्वरी उर्फ राखी गायब है। अमर की तहरीर पर पुलिस ने मनीष सिन्हा के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया। विवेचना में सामने आया कि राजेश्वरी उर्फ राखी ने 2014 में डॉक्टर डीपी सिंह के खिलाफ दुष्कर्म और मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना में राजेश्वरी उर्फ राखी की हत्या के मामले में डॉ. डीपी सिंह, सहयोगी प्रमोद कुमार सिंह और देश दीपक की संलिप्तता पाई गई। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अदालत ने पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य और अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी।
यह था मामला
पांच जून 2018 को नेपाल में कास्की के पोखरा में पहाड़ी के नीचे भारतीय महिला का शव मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला की हत्या किए जाने का प्रमाण मिला। नेपाल पुलिस से जानकारी मिलने पर एसटीएफ ने उसकी जाच शुरू की तो तो पता चला कि शव गोरखपुर शहर के बिछिया कॉलोनी में रहने वाली राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी का है।
जाच में पता चला कि राखी अपने पति मनीष के साथ काठमाडू घूमने गई थी। लौटते समय भैरहवा में आर्यन हास्पिटल के संचालक डॉ. डीपी सिंह से राखी की मुलाकात हुई। हास्पिटल के दो कर्मचारियों की मदद से राखी का अपहरण कर डॉ. डीपी सिंह पोखरा चला गया। यहा नशे की गोली खिलाने के बाद उसे पहाड़ी पर ले गया और नीचे फेंक दिया। इससे उसकी मौत हो गई। एसटीएफ ने 21 दिसंबर की सुबह डॉ. डीपी सिंह और उसके कर्मचारी प्रमोद सिंह और देश दीपक मिश्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अधिकृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट न होने के कारण पुलिस आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं कर रही है। पुलिस के अनुसार डा. डीपी सिंह और राखी में प्रेम संबंध था। इसलिए जब डा. डीपी सिंह के लोगों ने नेपाल में राखी को बताया कि डाक्टर साहब बुला रहे हैं तो वह बिना किसी हिचकिचाहट के उनके साथ चली गई। सूत्र बताते हैं कि डाक्टर के संबंध कई महिलाओं से है। वह दवा देने और मरीज देखने के बहाने लड़कियों और महिलाओं को अपनी जाल में फंसा लेता था।