बच्चों को स्कूल की राह दिखाने में गोरखपुर पीछे, आगरा व बागपत की स्थिति भी खराब
परिषदीय स्कूलों में नामांकन का लक्ष्य पूरा करने में शासन स्तर पर हुई समीक्षा में महोबा सबसे पीछे है। वहीं आगरा व बागपत की स्थिति भी खराब है। लखनऊ कानपुर अयोध्या समेत नौ जिलों में 85 प्रतिशत से अधिक नामांकन हुआ है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। परिषदीय स्कूलों में नामांकन का लक्ष्य पूरा करने में गोरखपुर जनपद पीछे है। स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत शासन से मिले लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक सिर्फ 64 प्रतिशत बच्चों का ही नामांकन हो सका है। आगरा व बागपत की स्थिति भी खराब है। यह स्थिति तब है जबकि ग्रीष्मावकाश से पहले यह लक्ष्य पूरा करना था। समीक्षा में महोबा सबसे पीछे है।
जिले में 43765 बच्चों का हुआ है नामांकन: गोरखपुर जनपद में नवीन शैक्षिक सत्र में 68108 के सापेक्ष अब तक 43765 बच्चों का नामांकन हुआ है। 70 प्रतिशत से अधिक नामांकन करने वालों जनपदों की श्रेणी में सोनभद्र, ललितपुर, औरेया, मथुरा, मैनपुरी, बस्ती, इटावा, मऊ, आजमगढ़, सहारनपुर तथा सुल्तानपुर शामिल हैं।
इसी तरह 85 प्रतिशत से अधिक नामांकन करने वालों में लखनऊ, कानपुर, अयोध्या समेत नौ जिले हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक डा.सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी जिलों के बीएसए को लक्ष्य के सापेक्ष नामांकन पर असंतोष जताते हुए जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि पहले भी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये निर्देश दिए गए थे। बावजूद इसके यह स्थिति है।
बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिन विद्यालयों में नामांकन की स्थिति संतोषजनक नहीं है उनके समस्त स्टाफ के मई माह का मानदेय अवरुद्ध किया जाएगा। नामांकन के लक्ष्य हासिल करने में किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।
सस्वर पाठ में नितेश, पोस्टर प्रतियोगिता में पीयूष रहे अव्वल: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में लिटलेरी क्लब द्वारा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए तीन प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ल ने बताया कि सस्वर पाठ में नीतेश सिंह को प्रथम, पूजा मिश्रा को द्वितीय एवं शिखा मिश्रा को तृतीय स्थान मिला। पोस्टर प्रतियोगिता में पीयूष सिंह प्रथम, नीतेश सिंह व आकांक्षा तिवारी द्वितीय, एवं काजल राय तृतीय स्थान पर रहीं।
कहानी लेखन प्रतियोगिता का परिणाम बाद में घोषित किया जाएगा। निर्णायक मंडल में प्रो.आलोक कुमार एवं प्रो.शिखा सिंह शामिल रहे। संचालन डा.संजीव कुमार विश्वकर्मा ने किया। एमए द्वितीय सेमेस्टर के छात्र नितेश सिंह एवं संगम चतुर्वेदी ने कार्यक्रम संयोजक के रूप में भूमिका निभाई। डा.कुमार, शोध छात्र अजीत सिंह, योगेंद्र प्रताप सिंह एवं प्रियंका मिश्रा मौजूद रहे।