Cyber अपराध के निस्तारण में गोरखपुर सबसे पीछे, यूपी के 18 थानों में पहले नंबर पर है आजमगढ़
उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध के मामलों के निस्तारण को लेकर अभियान चलाया गया। इसी क्रम में डीआइजी साइबर क्राइम ने थाने का निरीक्षण किया। समीक्षा में प्रदेश के 18 साइबर थाना में आजमगढ़ पहले नंबर पर है तो गोरखपुर सबसे पीछे।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। डीआइजी साइबर क्राइम एन. कोलांची ने साइबर थाने का निरीक्षण किया। प्रभारी व थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ बैठक कर दर्ज हुए मुकदमे की समीक्षा की। जिसमें सामने आया कि साइबर अपराध के मामले को निपटाने में गोरखपुर साइबर थाना प्रदेश में सबसे पीछे है। सबसे अधिक मामले का निस्तारण आजमगढ़ जिले के साइबर थाना ने किया है।
मुकदमें के निस्तारण में सबसे आगे है आजमगढ़
पत्रकारों से बात करते हुए डीआइजी एन. कोलांची ने कहा कि 25 मार्च 2022 से प्रदेश के सभी 18 साइबर थानों पर दर्ज हुए 50 प्रतिशत मुकदमें के निस्तारण करने का अभियान चलाया गया था। 25 सितंबर 2022 को यह अभियान पूरा हुआ उसके बाद समीक्षा में पाया गया कि आजमगढ़ साइबर थाना जहां निस्तारण में सबसे आगे है। आखिरी पायदान पर गोरखपुर साइबर थाना का स्थान है।
गोरखपुर में जल्द बनेगा साइबर थाना व लैब
मामला निस्तारित करने में पुलिसकर्मियों को क्या दिक्कत आ रही यह जानने के लिए थाने का निरीक्षण किया गया। थाना प्रभारी के साथ ही सभी दारोगा व सिपाहियों के साथ बैठक कर बताया गया कि मामले का निस्तारण कैसे करें। डीआइजी ने कहा कि जल्द ही गोरखपुर में साइबर थाना और लैब बनेगा। इसको लेकर तैयारी चल रही है।
नगर पंचायत में गांवों के चयन में अनदेखी का आरोप
पूर्व जिला पंचायत सदस्य एसपी सिंह उर्फ भगवान सिंह ने घघसरा नगर पंचायत के गठन में मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया है। मंगलवार को गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेसक्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि नगर पंचायत का गठन करते समय दो किलोमीटर के गांवों जैसे रिठुआखोर, चिगौना, सिंघोरवा का चयन नहीं किया गया है जबकि चार किलोमीटर से अधिक दूर के गांवों का चयन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके नजदीक के गांवों के लोगों के साथ पक्षपात किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में समय रहते अधिकारियों को अवगत कराया गया था लेकिन कोई सुधार नहीं किया गया। नगर पंचायत में शामिल न होने पर इन गांवों के लोगों में आक्रोश है।