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गोरखपुर में आकाशवाणी का केंद्र बंंद, जानें-क्‍या है कारण Gorakhpur News

महानिदेशालय के निर्देश पर आकाशवाणी प्रशासन ने ट्रांसमीटर को बंद करने की योजना शुक्रवार को बना ली। केंद्राध्यक्ष की ओर से ट्रांसमीटर को पूर्णतया बंद करने के लिए आकाशवाणी के सहायक निदेशक (अभियांत्रिकी) राकेश कुमार शुक्ला के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम बना दी गई है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 10:10 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 10:10 AM (IST)
गोरखपुर में आकाशवाणी का केंद्र बंंद, जानें-क्‍या है कारण Gorakhpur News
गोरखपुर का आकाशवाणी केंद्र का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। आकाशवाणी गोरखपुर के भटहट स्थिति हाईपावर ट्रांसमीटर (100 किलोवाट) पर शनिवार की दोपहर ताला लग जाएगा। इसके साथ ही रेडियो के मीडियम वेब पर गोरखपुर आकाशवाणी की आवाज गूंजने की प्रक्रिया भी थम जाएगी। अब शनिवार से रेडियो के 303 मीटर यानी 909 किलोहट्ज पर आकाशवाणी का प्रसारण नहीं सुना जा सकेगा। हालांकि प्रसार भारती के एप पर प्रसारण सुनने का विकल्प फिर भी खुला रहेगा।

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महानिदेशालय के निर्देश पर हुआ बंद

महानिदेशालय के निर्देश पर आकाशवाणी प्रशासन ने ट्रांसमीटर को बंद करने की योजना शुक्रवार को बना ली। केंद्राध्यक्ष की ओर से ट्रांसमीटर को पूर्णतया बंद करने के लिए आकाशवाणी के सहायक निदेशक (अभियांत्रिकी) राकेश कुमार शुक्ला के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम बना दी गई है, जो शनिवार को महानिदेशालय के निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करेगी। जल्द ही वहां की बिजली काटने के लिए अलग से टीम भेजी जाएगी। बुधवार को आकाशवाणी के केंद्राध्यक्ष को महानिदेशालय की ओर से जारी एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें साफ तौर पर लिखा गया था कि आकाशवाणी के 100 किलोवाट के मीडियम वेब ट्रांसमीटर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए। यह भी लिखा गया है कि ट्रांसमीटर में लगी कारगर मशीनों का इस्तेमाल महानिदेशालय का ट्रांसमीटर मेंटिनेंस विभाग अपने हिसाब से करेगा। बची मशीनों के निस्तारण का निर्णय स्थानीय स्तर पर अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा।

एफएम बैंड से प्रसारण जारी रखने की है तैयारी

आडियो प्रसारण की दौड़ में बने रहने के लिए गोरखपुर में आकाशवाणी के मीडियम वेब ट्रांसमीटर को बंद करने के फैसले के साथ-साथ एफएम बैंड पर प्रसारण को जारी रखने की तैयारी भी चल रही है। इसके पीछे प्रसार भारती की मंशा एफएम के माध्यम से रेडियो को एक बार फिर लोगों तक पहुंचाने की है। प्रसार भारती का मानना है कि रेडियो लोगों के घरों से गायब हो चुके हैं। अगर कुछ सुना जा रहा है तो वह एफएम रेडियो। कार से लेकर मोबाइल फोन तक में एफएम बैंड की उपलब्धता इसकी वजह है। ऐसे में पुराने ट्रांसमीटर के नवीनीकरण से बेहतर है कि एक बड़े केंद्र की जगह कई छोटे-छोटे केंद्र बना दिए जाएं। इसकी शुरुआत देवरिया, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज और आजमगढ़ जैसे जिलों में एमएम केंद्र के निर्माण से हो चुकी है। गोरखपुर में भी एक ऐसा ही एमएम केंद्र जल्द स्थापित स्थापित होगा।गोरखपुर आकाशवाणी के केंद्राध्‍यक्ष राहुल सिंह का कहना है कि महानिदेशालय के निर्देश के क्रम हाईपावर ट्रांसमीटर को बंद करने के लिए टीम गठित कर दी गई है। शनिवार को इस कार्य को संपन्न करा लिया जाएगा। कल के बाद से आकाशवाणी गोरखपुर के मीडियम वेब से होने वाला प्रसारण प्रसार भारती के एप पर सुना जा सकेगा।


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