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नशीली दवाओं की तस्करी का हब बना गोरखपुर, पश्चिम बंगाल व नेपाल तक भेजी जा रहीं नशीली दवाएं

कफ सीरप के नाम पर नशीली दवाओं के कारोबार का गोरखपुर हब बन गया है। बीते दिनों दो करोड़ रुपये की नशीली दवाएं मिलने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दवा के एक बड़े गोदाम को सील कर दिया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 07:02 AM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 07:02 AM (IST)
नशीली दवाओं की तस्करी का हब बना गोरखपुर, पश्चिम बंगाल व नेपाल तक भेजी जा रहीं नशीली दवाएं
गोरखपुर नशीली दवाओं का हब बन गया है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर नशीली दवाओं की तस्करी का हब बन गया है। ब्लीचिंग पाउडर के नाम पर नशीली दवाएं मंगाई जा रही हैं। यह दवाएं गोरखपुर से पश्चिम बंगाल, बिहार, पूर्वोत्तर राज्यों व नेपाल भेजी जा रही हैं। 10 दिन पूर्व गीडा में दो करोड़ रुपये की खांसी की दवा फेंसीडिल कफ सिरप पकड़े जाने के बाद यह मामला सामने आया।

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मुकदमा दर्ज कराकर चुप हो गया था औषधि प्रशासन विभाग

10 दिन तक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मुकदमा दर्ज कराकर चुप्पी सधे रखी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की प्रमुख सचिव अनीता सिंह ने दैनिक जागरण में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लिया तो कार्रवाई शुरू हुई। स्वतंत्रता दिवस पर सोमवार को ड्रग विभाग व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने भालोटिया मार्केट के आशीष मेडिकल एजेंसी और आशीष ट्रेडर्स की दुकानों व गोदाम को सील कर दिया। गोदाम आशीष मेडिकल एजेंसी का है। दवाएं पकड़े जाने के बाद दोनों दुकानों के संचालक आशीष गुप्ता और अमित गुप्ता का नाम सामने आया था। इसके बाद इनके ऊपर एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। अभी दोनों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

लंबे समय से चल रहा है यह खेल

गोरखपुर में लंबे समय से यह खेल चल रहा है। इसमें महराजगंज के भी कुछ दवा व्यापारी शामिल हैं। इस तस्करी में शामिल दुकानदार ड्रग विभाग को उपकृत कर आराम से कालाबाजारी करते हैं। गीडा में छह अगस्त को दवाएं पकड़े जाने पर भी दुकानदारों ने मामला मैनेज करने के लिए 15 लाख रुपये अपने कर्मचारी के हाथों भेज दिया। वाराणसी व लखनऊ के अफसरों की नजर भी इस मामले पर थी, इसलिए मामला मैनेज नहीं हो पाया और रुपये लेकर पहुंचा कर्मचारी भी हिरासत में ले लिया गया।

दैनिक जागरण ने उठाया मुद्दा

इतना होने के बाद भी ड्रग विभाग ने मुकदमा दर्ज कराने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की। जब दैनिक जागरण ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया और 12 अगस्त को 'विभाग शिथिल, दवा व्यापारी मौज में' शीर्षक खबर प्रकाशित तो इसे खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की प्रमुख सचिव अनीता सिंह ने गंभीरता से लिया। उनके निर्देश पर कार्रवाई हुई है।

यह है मामला

ड्रग और पुलिस विभाग ने छह अगस्त को जिले में दो करोड़ रुपए की फेंसीडिल कफ सिरप की खेप बरामद कर छह लोगों को गिरफ्तार किया था। नशीली दवाओं के इस तस्करी के मास्टरमाइंड भालोटिया मार्केट के थोक व्यापारी आशीष मेडिकल एजेंसी के संचालक आशीष गुप्ता और आशीष ट्रेडर्स के संचालक अमित गुप्ता उर्फ रिंकू हैं। इसके अलावा संतकबीर नगर में भी नशीली दवाओं की बड़ी खेप बरामद हुई। इस मामले में गुप्ता ब्रदर्स के साथ आगरा के दो व्यापारी भाई समेत 10 लोगों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।


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