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Oxygen Crisis In Gorakhpur: छह हजार रुपये दीजिए, तत्काल घर पर पहुंचा दूंगा आक्सीजन सिलेंडर..

Oxygen Crisis In Gorakhpur आक्सीजन सिलेंडर प्लाज्मा डोनर रिमेडिसिवर इंजेक्शन पल्स आक्सीमीटर आदि कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है। इसकी एकदम से जरूरत आ पड़ी है। इसे जल्द से जल्द पाने के लिए तीमारदार कुछ भी करने को आतुर है। इसका फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 10:43 AM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 10:33 PM (IST)
Oxygen Crisis In Gorakhpur: छह हजार रुपये दीजिए, तत्काल घर पर पहुंचा दूंगा आक्सीजन सिलेंडर..
गोरखपुर में ऑक्‍सीजन सिलेंडर के नाम पर ऑनलाइन ठगी हो रही है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया जिला मुख्यालय के अभिषेक पाण्डेय के स्वजन कोरोना संक्रमित हैं। कुछ दिन पूर्व उन्हें एक वाट्सएप ग्रुप पर एक नंबर देखा, जिस पर बताया गया था कि किसी को आक्सीजन की जरूरत हो तो उनसे संपर्क कर सकता है, वह तत्काल आक्सीजन उपलब्ध करा सकता है। अभिषेक ने अपनी समस्या बताई तो जालसाज ने कहा कि छह हजार रुपये में कहीं पर भी आक्सीजन सिलेंडर पहुंचा सकता है। उसने लाकडाउन का हवाला देते हुए गूगल पे पर एडवांस रुपये मांगे। 

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ऐसे हो रहा फ्राड

रुपये मिलने के बाद के थोड़ी देर बाद उसने कहा कि पुलिस वालों ने उसकी गाड़ी को रोक लिया है अब वह पूरी कीमत मिलने के बाद ही सिलेंडर पहुंचा सकेगा। अभिषेक ने पूरे रुपये दिये तो उसने कहा कि पुलिस गाड़ी छोड़ने के पांच हजार रुपये मांग रही है। वह यहीं गोरखपुर के कैंट पुलिस स्टेशन में फंसा हुआ है। अभिषेक को लगा कि जालसाज उनके साथ धोखा कर रहा है तो उन्होंने इसकी शिकायत गोरखपुर के कोविड कंट्रोल रूम में की।

दूसरे दिन उन्होंने जालसाज को फोन करके मानवता का वास्ता दिया कि वह रुपये लौटा दे। तो उसने अभिषेक के मोबाइल पर एक क्यूआर कोड भेजा और उसे स्कैन करने के लिए कहा। अभिषेक ने जानकारों से जब समझा तो पता चला कि क्यूआर कोड स्कैन करते ही उनका एकाउंट खाली हो जाएगा। 

कई लोगों के साथ हो चुकी है जालसाजी

जालसाज ने उन्हें बताया कि वह कैंट रोड पर आ जाए और प्रत्येक इंजेक्शन के तीन हजार रुपये लगेंगे। अभिषेक ने बाद में जब छानबीन की तो पता चला कि जालसाज ने सिर्फ उनके साथ ही नहीं, बल्कि कई लोगों के साथ ऐसी घट चुकी है। कोविड कंट्रोल रूम गोरखपुर व साइबर थाना कुल नौ शिकायतें आ चुकी हैं। किसी के साथ प्लाज्मा डोनेशन के नाम पर डगी हुई है तो किसी से रिमेडिसिवर के नाम पर।

कैसे हो रही है ठगी

आक्सीजन सिलेंडर, प्लाज्मा डोनर, रिमेडिसिवर इंजेक्शन, पल्स आक्सीमीटर आदि कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है। इसकी एकदम से जरूरत आ पड़ी है। इसे जल्द से जल्द पाने के लिए तीमारदार कुछ भी करने को आतुर है। इसका फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं। वह आपको झांसे में लेकर आपके खाते से पैसा उड़ा रहे है। वह फोन पे, पेटीएम, गूगल पे के माध्यम से रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा ले रहे हैं और फिर फोन नहीं उठा रहे हैं।

यह अपनाएं सावधानी

यदि कोई अनजान व्यक्ति आक्सीजन सिलेंडर, पल्स आक्सीमीटर, वेंटिलेटर बेड आदि के लिए फोन पे, पेटीएम या किसी भी माध्यम से पैसे मांगता है तो उसके झांसे में न आएं।

यदि आप होम आइसोलेशन में हैं तो सोशल मीडिया पर मित्रता करने से बचें। प्राय: उधर से आपका व्हाट्सएप नंबर मांग कर, आपको व्हाट्सएप वीडियो काल कर के अश्लील वीडियो दिखा कर, साइबर अपराधी आपका स्क्रीन रिकार्ड कर के आपको ब्लैकमेल कर सकता है।

लोगों को थोड़ी सावधानी अपनाने की जरूरत है। साइबर फ्राड से जुड़ा कोई फोन आने पर अथवा किसी के साथ घटना होने पर वह तत्काल साइबर थाने के नंबर पर 7839876674 संपर्क करें। - सूर्यभान सिंह, प्रभारी निरीक्षक साइबर थाना


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