स्पोर्ट्स कालेज में रहेंगी छात्राएं, छात्र जाएंगे बाहर
नई व्यवस्था के अंतर्गत स्पोर्ट्स कालेजों में कक्षा छह से आठ और कक्षा नौ से बारह तक के खिलाड़ी भी अलग-अलग रखे जाएंगे। यह व्यवस्था भी अगले सत्र से लागू होगी। इस व्यवस्था पर मुहर लग चुकी है।
गोरखपुर, जेएनएन। वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज गोरखपुर में आगामी सत्र से अब सिर्फ छात्राओं का ही नामांकन होगा। छात्र लखनऊ व सैफई के स्पोर्ट्स कालेज जाएंगे। जो छात्र वर्तमान में यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें लखनऊ व सैफई स्पोर्ट्स कालेज में स्थानांतरित किया जाएगा। जबकि वहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं छात्राएं यहां आएंगी। छात्राओं को प्रशिक्षित करने के लिए कोच समेत अन्य कर्मचारी भी महिलाएं ही होंगी। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। स्पोट्र्स कालेजेज सोसायटी के मैनेजमेंट बोर्ड की बैठक में इस पर फैसला भी हो चुका है। अब कालेजों में सिर्फ आदेश आना बाकी है।
नई व्यवस्था के अंतर्गत स्पोर्ट्स कालेजों में कक्षा छह से आठ और कक्षा नौ से बारह तक के खिलाड़ी भी अलग-अलग रखे जाएंगे। यह व्यवस्था भी अगले सत्र से लागू होगी। बोर्ड की अध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव खेल कल्पना अवस्थी की अध्यक्षता में गत दिनों लखनऊ में हुई बैठक में इस पर मुहर लग चुकी है।
नए सत्र से ऐसे संचालित होगा कालेज
आगामी सत्र से स्पोर्ट्स कालेज नए रूप में संचालित होगा। जिन व्यवस्थाओं को लागू करने की तैयारी चल रही है, उनमें कालेज में जहां बायोमीट्रिक से हाजिरी लगेगी, वहीं कालेज के सीसीटीवी का कंट्रोल रूम लखनऊ में बनेगा। कालेजों को पांच साल की आडिट रिपोर्ट देनी होगी और खिलाडिय़ों की खुराक तैयार के लिए डायटीशियन की मदद ली जाएगी। यहीं नहीं मेस के हर कर्मचारी का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य होगा। सत्र के बीच में मेस की दरों में बढ़ोत्तरी नहीं होगी।
कालेज में नामांकित हैं 310 छात्र-छात्राएं
वर्तमान में वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज में कक्षा छह से बारह तक के कुल 310 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इनमें 190 छात्र व 120 छात्राएं हैं। वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज गोरखपुर के प्राचार्य एके पांडेय का कहना है कि शासन स्तर पर कालेज को पूरी तरह से छात्राओं के लिए आरक्षित करने की तैयारी चल रही है। अभी तक इसका कोई आदेश नहीं आया है। आदेश मिलते ही यहां के छात्रों को लखनऊ व सैफई स्पोर्ट्स कालेज में शिफ्ट कर दिया जाएगा। जबकि वहां की छात्राएं प्रशिक्षण के लिए यहां आ जाएंगी। यह व्यवस्था आगामी सत्र से लागू होने की उम्मीद है।