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किसी को शेरवानी व कोट तो किसी को कफन की चिता

संतकबीर नगर भुजैनी के रमेश चंद्र यादव की 12 मई को शादी है लेकिन साप्ताहिक बंदी के कारण शेरवानी-कोट व दुल्हन के लिए साड़ियां नहीं मिल पा रही है। बखिरा के राजेश गुप्ता धनघटा के प्रताप सिंह कांटे के सुमिरन चौधरी को भी यही दिक्कत है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 06:34 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 06:34 AM (IST)
किसी को शेरवानी व कोट तो किसी को कफन की चिता
किसी को शेरवानी व कोट तो किसी को कफन की चिता

संतकबीर नगर : भुजैनी के रमेश चंद्र यादव की 12 मई को शादी है लेकिन साप्ताहिक बंदी के कारण शेरवानी-कोट व दुल्हन के लिए साड़ियां नहीं मिल पा रही है। बखिरा के राजेश गुप्ता, धनघटा के प्रताप सिंह, कांटे के सुमिरन चौधरी को भी यही दिक्कत है। शादी समारोह के लिए दूल्हा व दुल्हन के जरूरी कपड़े न मिलने से हर वर्ग के लोग परेशान हैं।

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कोरोना संक्रमितों की बढ़ती मौत का गम झेल रहे लोगों को कफन खरीदने में पसीने छूट रहे हैं। कोरोना से मरे व्यक्ति के स्वजन को अंत्येष्टि से जुड़ी सामग्री देने में कारोबारी भी कतराने लगे हैं। गिड़गिड़ाने पर अगर कोई कारोबारी दुकान से सामान देता है तो पुलिस न केवल चेतावनी दी रही है वरन उससे जुर्माना भी वसूल रही है।

साप्ताहिक बंदी बढ़ने का नुकसान हर वर्ग उठा रहा है। उसकी मजबूरी का फायदा दुकानदार उठा रहे हैं। बंदी का हवाला देकर दुकान खोलने से मना करते हैं फिर गिड़गिड़ाने पर मनमानी कीमत वसूलते हैं। मरता क्या न करता की तर्ज पर लोग गाढ़ी कमाई का पैसा व्यय कर रहे हैं।

खलीलाबाद के गोला बाजार में एक व्यक्ति के गिड़गिड़ाने पर कारोबारी ने कपड़ा दे ही रहा था कि पुलिस पहुंच गई और दुकान बंद करा दिया। फटकार व चेतावनी अलग से दे डाली। गोला बाजार में एक प्रतिष्ठान पर कफन खरीदने आए स्वजन संग दुकानदार को जिल्लत व जलालत झेलनी पड़ी। इसी दुकान पर शादी के लिए शेरवानी, कोट आदि कपड़ा खरीदने आए लोगों को भी जुर्माना भरना पड़ा। फटकार अलग से सुननी पड़ी ।

लोगों का आरोप है कि साप्ताहिक बंदी के नाम पर उत्पीड़न करने वाले अधिकारी शादी व अंत्येष्टि की सामग्री खरीदने में रोड़ा बन गए हैं। ------------

शादी व अंत्येष्टि की सामग्री के लिए हो व्यवस्था

सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप सिंह सिसौदिया ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शादी व अंत्येष्टि के लिए जरूरी सामग्री की व्यवस्था के लिए दुकानों को खोलवाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि प्रत्येक ब्लाक में शादी व अंत्येष्टि की सामग्री वाली कम से कम दो दुकानों को खोलना अनिवार्य होना चाहिए।

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