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Coronavirus: संक्रमितों के लिए जेनरिक दवाएं उपलब्‍ध, जन औषधि केंद्रों पर 21 रुपये में 10 गोली Gorakhpur News

ब्रांड नाम की 12 एमजी दवा की कीमत 32 से 37 रुपये प्रति टेबलेट है। जबकि दूसरी तरफ जेनरिक वर्जन की दवा 21 रुपये में 10 टेबलेट मिल रही है। इस तरह इसकी प्रति गोली कीमत 2.10 रुपये है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 07:43 PM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 07:43 PM (IST)
Coronavirus: संक्रमितों के लिए जेनरिक दवाएं उपलब्‍ध, जन औषधि केंद्रों पर 21 रुपये में 10 गोली Gorakhpur News
Coronavirus: संक्रमितों के लिए जेनरिक दवाएं उपलब्‍ध, जन औषधि केंद्रों पर 21 रुपये में 10 गोली Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के इलाज व रोकथाम की दवा आइवरमेक्टिन का जेनरिक वर्जन बाजार में आ गया है। ब्रांड की 12 एमजी दवाओं की कीमत जहां 32 से 37 रुपये प्रति टेबलेट है, वहीं इसका जेनरिक 21 रुपये में 10 टेबलेट मिलता है। इसके आ जाने से गरीब मरीजों या मरीजों के संपर्क में रहे लोगों को बड़ा फायदा पहुंचेगा।

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संक्रमित व संपर्क में रहने वाले भी खा सकते हैं दवा

डॉक्टर अब एहतियात के तौर लोगों को इस दवा को खाने की सलाह दे रहे हैं। इसे कोरोना संक्रमित व उसके संपर्क में रहने वाले लोग भी खा सकते हैं। हालांकि खाने से पूर्व डॉक्टर की सलाह आवश्यक है। दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया बताते हैं कि यह दवा तीन, छह व 12 एमजी में आती है। ब्रांड नाम की 12 एमजी दवा की कीमत 32 से 37 रुपये प्रति टेबलेट है। जबकि दूसरी तरफ जेनरिक वर्जन की दवा 21 रुपये में 10 टेबलेट मिल रही है। इस तरह इसकी प्रति गोली कीमत 2.10 रुपये है। दोनों में दवा एक ही है और समान काम करती है। जेनरिक वर्जन आ जाने से गरीबों को बड़ी राहत मिलेगी।

क्या है जेनरिक

कोई दवा जब कोई कंपनी बनाती है तो उसका एक नाम दे देती है। उसे ब्रांड कहते हैं। लेकिन जब दवा अपने मूल नाम से बिकती है तो उसे जेनरिक कहते हैं। जैसे पैरासिटामाल मूल साल्ट है, यह जेनरिक है। इसे कोई कंपनी कोई नाम देकर अपना ब्रांड बना सकती है। दोनों दवा एक ही है। काम भी समान करेगी। बस ब्रांड बना देने से उसकी कीमत बढ़ जाती है।

दवा की मांग और बिक्री ज्‍यादा

जिला अस्‍पताल स्थित जन औषधि केंद्र के फार्मासिस्ट वसीउल्लाह का कहना है कि जन औषधि केंद्रों पर आइवरमेक्टिन का जेनरिक वर्जन आ चुका है। बिक्री भी बहुत ज्यादा है। पूरे शहर से लगभग 15 डिब्बा दवा रोज बिक जाती है। एक डिब्बे में 100 गोली होती है। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. बीके सुमन का कहना है कि यह मुख्य रूप से पेट के कीड़ों को मारने की दवा है। इसके सेवन से कोरोना वायरस का प्रभाव भी कम होता देखा गया है। इसलिए लोगों को इस दवा के सेवन की सलाह दी जा रही है।


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