गोरखपुर में डिफाल्टरों को भी मौका देगा जीडीए, जानें-क्या है स्कीम Gorakhpur News
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आठ जनवरी को आवास विकास विभाग एवं विकास प्राधिकरणों के डिफाल्टरों के लिए ओटीएस लागू करने का निर्देश दिया था।
गोरखपुर, जेएनएन। आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों के डिफाल्टर आवंटियों को जीडीए (गोरखपुर विकास प्राधिकरण) ओटीएस (एकमुश्त समाधान योजना) का मौका देने की तैयारी में है। योजना के तहत संपत्ति के मूल्य पर लगा चक्रवृद्धि ब्याज माफ होने से आवंटियों को सीधा फायदा होगा तो जीडीए भी वर्षों से फंसी अपनी बकाया रकम वसूल सकेगा। फरवरी से तीन माह तक चलने वाली संभावित योजना के लिए 2200 आवंटियों को विभिन्न माध्यमों से संदेश भेजा जाएगा।
एक फरवरी से शुरू होने की उम्मीद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आठ जनवरी को आवास विकास विभाग एवं विकास प्राधिकरणों के डिफाल्टरों के लिए ओटीएस लागू करने का निर्देश दिया था। योजना के शुरू होने की तारीख तो अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि इसके एक फरवरी से शुरू होने की उम्मीद है।
तीन किस्तों में बकाया जमा करने का मिलेगा मौका
चर्चा है कि आवंटियों को तीन किस्तों में बकाया धनराशि चुकाने का मौका मिलेगा। इसके लिए डिफाल्टरों को दो श्रेणियां में बांटा जाएगा, पहली 50 लाख रुपये से कम और दूसरी इससे अधिक की होगी। पहली श्रेणी वालों को तीनों किस्तें लगातार तीन महीने में देनी होंगी। एक किस्त डाउन पेमेंट के रूप में जबकि दो किस्तें साधारण ब्याज के साथ देनी होंगी। दूसरी श्रेणी के आवंटियों को भी तीन किस्तों में ही भुगतान करना होगा, लेकिन उनकी किस्त के बीच दो माह का अंतर होगा। गोरखपुर विकास प्राधिकरण में ज्यादातर डिफाल्टर आवासीय संपत्तियों के हैं, जिन्हें विभिन्न माध्यमों से संदेश भेजा जाएगा।
चल रही ओटीएस की तैयारी जीडीए के सचिव राम सिंह गौतम का कहना है कि ओटीएस लांच करने की तैयारी चल रही है। यह कब से होगी इसकी तारीख अभी तय नहीं है। जो भी प्रावधान होगा, उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
सीमा विस्तार की दिशा में जीडीए ने बढ़ाए कदम
जीडीए के सीमा विस्तार की कवायद तेज हो गई है। 22 जनवरी को बोर्ड बैठक में 107 गांव को जीडीए की सीमा में शामिल करने के प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। यहां से अनुमोदित होने के बाद मंजूरी के लिए इसे शासन में भेजा जाएगा।
दो बार स्थगित हो चुकी है बैठक
गोरखपुर विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक दो बार स्थगित हो चुकी है। 22 जनवरी को प्रस्तावित बैठक से पहले नवनियुक्त उपाध्यक्ष अनुज सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक कर 25 बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान कुछ बिंदुओं को प्रस्ताव से निकालने पर सहमति बनी। बोर्ड बैठक में चर्चा के लिए जिन बिंदुओं पर सहमति बनी उसमें प्राधिकरण के सीमा विस्तार का प्रस्ताव सबसे अहम है। इसके अलावा प्राधिकरण की आवासीय कालोनियों को एन्वायरमेंटल क्लीयरेंस व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र दिलाने, लोहिया एन्क्लेव के आवंटियों को कब्जा देने के साथ फ्री होल्ड चार्ज के मुद्दे पर भी बातचीत होगी। इसके अलावा मानबेला में जीडीए की योजना समेत कई अन्य बिंदुओं पर चर्चा हो सकती है। जीडीए के उपाध्यक्ष अनुज सिंह का कहना है कि जीडीए बोर्ड की बैठक 22 जनवरी को होनी है। इसकी तैयारियां चल रही हैं। कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर निर्णय लिया जाएगा।