गोरखपुर वासियों को रास नहीं आ रहा नया गोरखपुर, जीडीए की महायोजना 2031 को लेकर खूब आ रही आपत्तियां
जीडीए की महायोजना 2031 पर लोग खुलकर आपत्ति जता रहे हैं। हरित एवं खुले क्षेत्र पर खूब आपत्ति जताई जा रही है। अब तक हुई सुनवाई में सर्वाधिक संख्या इन्हीं आपत्तियों की रही। पहले से जहां आवास बन चुके हैं उसका भू उपयोग आवासीय करने की मांग उठ रही है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महायोजना 2031 को लेकर खूब आपत्तियां आ रही हैं। प्रारूप प्रकाशित करते हुए जीडीए ने 2021 की तुलना में हरित एवं खुले क्षेत्र के भू उपयोग में न के बराबर बदलाव किया था लेकिन आपत्तियों की सुनवाई के दौरान सर्वाधिक आपत्तियां इन्हीं बिन्दुओं पर आ रही हैं। चार दिनों तक चली सुनवाई में सर्वाधिक लोग खुले क्षेत्र एवं हरित क्षेत्र से जुड़ी आपत्तियों को लेकर आए। उन्होंने अधिकारियों के समक्ष खुलकर अपनी बात रखी। आपत्तिकर्ताओं का कहना है कि जहां पहले से आवास बन चुके हैं, वहां हरित एवं खुले क्षेत्र की जगह आवासीय भू उपयोग दिया जाए।
11 हजार से अधिक दर्ज कराई गईं आपत्तियां
महायोजना के प्रारूप पर 11 हजार से अधिक आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं। चार दिनों से योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में इसकी सुनवाई चल रही है। बुधवार को करीब 500 लोग अपनी बात रखने के लिए पहुंचे। इनमें से 90 प्रतिशत लोगों ने खुले क्षेत्र एवं हरित क्षेत्र के विपरीत अपनी बात रखी। सुनवाई कर रही समिति के सदस्यों की ओर से सभी को आश्वासन दिया जा रहा है।
ट्रांसपोर्टनगर को आवासीय घोषित करें
गुरुवार को करीब 55 लोग आपत्ति जताने पहुंचे। कई लोगों ने ट्रांसपोर्टनगर को आवासीय घोषित करने की मांग की। उनका कहना है कि बड़ी संख्या में वहां आवास व प्रतिष्ठान निर्मित हो चुके हैं। इसके साथ ही कई अन्य लोगों ने भी इस स्थान का भू उपयोग ट्रांसपोर्टनगर ट्रक अड्डा से बदलकर आवासीय करने को लेकर अपने तर्क प्रस्तुत किए।
सुनवाई में बुलाए गए सैकड़ों लोग
सुनवाई के चौथे दिन करीब 100 लोगों को बुलाया गया था। 55 लोग अपनी आपत्ति लेकर पहुंचे थे। एक-एक कर सभी की समस्या सुनी गई। कुछ लोगों ने खुटहन को पार्क से आवासीय करने की अपील की। कुछ ऐसे लोग थे, जिन्होंने विनियमित क्षेत्र से जुड़ा मामला उठाया। इसी तरह मंझरिया, पोरखभिंडा, जंगल मातादीन समेत अन्य स्थान से आए आपत्तिकर्ताओं ने भी कमेटी के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं।