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मुक्ताकाशीय मंच के संचालन की जिम्मेदारी अब जीडीए के हवाले Gorakhpur News

जीडीए अब मुक्ताकाशी मंच का न केवल संचालन करेगा बल्कि उसका अनुरक्षण भी करेगा। संस्कृति विभाग से करार होने के बाद मंच को प्राधिकरण ने अपने कब्जे में ले लिया है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 09:49 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 09:49 AM (IST)
मुक्ताकाशीय मंच के संचालन की जिम्मेदारी अब जीडीए के हवाले Gorakhpur News
मुक्ताकाशीय मंच के संचालन की जिम्मेदारी अब जीडीए के हवाले Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। लंबी कवायद के बाद तारामंडल क्षेत्र में नए सिरे से तैयार किए गए मुक्ताकाशी मंच के संचालन और अनुरक्षण की समस्या समाप्त हो गई है। संस्कृति विभाग और गोरखपुर विकास प्राधिकारण के बीच हुए करार के मुताबिक अब मंच का संचालन और अनुरक्षण गोरखपुर विकास प्राधिकरण करेगा। प्राधिकरण ने करार के बाद मंच परिसर को अपने कब्जे में ले भी  लिया है।

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रखरखाव के अभाव में हो गया था दुर्दशा का शिकार

मुक्ताकाशीय मंच की नींव 33 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के प्रयास से रखी गई पर रख-रखाव के अभाव में यह दुर्दशा का शिकार होकर जर्जर हो गया। योगी आदित्यनाथ ने जब प्रदेश की कमान संभाली तो उन्होंने इसके जीर्णोद्धार का फैसला लिया। परिणामस्वरूप तीन करोड़ 89 लाख की लागत से उसे चमका दिया गया। 16 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री ने इसका लोकार्पण भी कर दिया। उसके बाद जब कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विस) ने उसके हैंड ओवर की प्रक्रिया शुरू की तो संस्कृति विभाग ने यह कहकर उसे लेने से मना कर दिया, उसके पास इसके संचालन के लिए कर्मचारी नहीं हैं।

आउटसोर्सिंग के तहत छह कर्मचारी

हालांकि इस समस्या के समाधान के लिए विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय ने निदेशालय को पत्र लिखकर आउटसोर्सिंग के तहत छह कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा लेकिन वहां से कोई मार्गदर्शन नहीं मिला। बाद में जिला प्रशासन की पहल पर यह जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण पर सौंपने का फैसला किया गया। करार की प्रक्रिया आगे बढ़ रही थी कि कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन हो गया। पर अब वह करार पूरा हो गया है। ऐसे में बहुत जल्द मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का सिलसिला फिर शुरू हो सकेगा।

नवनिर्मित मुक्ताकाशीय मंच में यह है सुविधा

नवनिर्मित मंच परिसर में दो टॉयलेट ब्लॉक, दो वातानुकूलित विशिष्ट कक्ष और दो ग्रीन रूम का निर्माण कराया गया है। परिसर में प्रवेश के लिए चार द्वार बनाए गए हैं। सुरक्षा की ²ष्टि से चारो ओर बाउंड्री बनाई गई है, जो कि पहले नहीं थी। गोरखपुर के राजकीय बौद्ध संग्रहालय के उपनिदेशक डा. मनोज कुमार गौतम का कहना है कि मुक्ताकाशी मंच के संचालन और अनुरक्षण की समस्या का समाधान हो गया है। यह जिम्मेदारी गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने ले ली है। करार प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। वहीं जीडीए उपाध्‍यक्ष अनुज कुमार सिंह का कहना है कि विकास प्राधिकरण अब मुक्ताकाशी मंच का न केवल संचालन करेगा बल्कि उसका अनुरक्षण भी करेगा। संस्कृति विभाग से करार होने के बाद मंच को प्राधिकरण ने अपने कब्जे में ले लिया है। 


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