जीडीए ने ढूंढ ली 'गायब' हुई 32 एकड़ जमीन, तीस साल पहले हुआ था अधिग्रहण
जीडीए अपनी जमीन की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए जीडीए लैंड आडिट करा रहा है। इसमें 565 हेक्टेयर जमीन की आडिट में करीब 32 एकड़ जमीन ऐसी मिली है जिसपर किसी तरह का नियोजन (प्लानिंग) नहीं किया गया है।
गोरखपुर, उमेश पाठक। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से कराए जा रहे लैंड आडिट के प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है। 565 हेक्टेयर जमीन की आडिट में करीब 32 एकड़ जमीन ऐसी मिली है, जिसपर किसी तरह का नियोजन (प्लानिंग) नहीं किया गया है। आडिट करने वाली फर्म ने रिपोर्ट के साथ ही मानचित्र भी जीडीए को सौंप दिया है। प्राधिकरण के मुख्य अभियंता की ओर से नगर नियोजक को पत्र लिखकर इस मानचित्र का सत्यापन कराने को कहा गया है।
आडिट करने वाली फर्म की ओर से उपलब्ध कराए गए मानचित्र में अनियोजित बताई गई भूमि पर यदि कोई नियोजन किया गया होगा तो नगर नियोजक को उसका मानचित्र आडिट करने वाली फर्म को उपलब्ध कराना होगा। यदि कोई नियोजन नहीं किया गया होगा तो इस बात का कारण बताना होगा। नई जमीन का पता चलने के बाद प्राधिकरण इसपर कोई योजना लांच कर सकता है। हालांकि कब्जा होने की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
रामगढ़ताल क्षेत्र के 16 गांवों की हुई आडिट
अपनी जमीन की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए जीडीए लैंड आडिट करा रहा है। प्रथम चरण में रामगढ़ ताल क्षेत्र के 16 गांवों की 565 हेक्टेयर जमीन की आडिट करायी गई है। इस क्षेत्र में जीडीए ने कई कालोनियां विकसित की हैं। जिन गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, उनमें तालरामगढ़, रुस्तमपुर, रसूलपुर, गोपालपुर, बिलंदपुर, दाउदपुर, भरवलिया खुर्द, मोहम्मद चक, गायघाट बुजुर्ग, भरवलिया बुजुर्ग, कालेपुर, मनहट, रामपुर, खोराबार उर्फ सुआ बाजार, पड़हा, जंगल सिकरी उर्फ खोराबार शामिल हैं। करीब तीस साल पहले यहां जमीन का अधिग्रहण किया गया था। जीडीए की ओर से लांच की जाने वाली योजनाओं में तकनीकी कारणों से कुछ जमीनें छूट जाती हैं। बाद में नई योजना पर काम शुरू हो जाता है और पुरानी जमीन पर ध्यान नहीं जाता। इसका फायदा लेकर कुछ लोग जमीन पर कब्जा भी कर लेते हैं। लैंड आडिट से अतिक्रमण की बात भी पता चलेगी।
लैंड आडिट के प्रथम चरण में 565 हेक्टेयर भूमि के आडिट का काम पूरा हो चुका है। नगर नियोजक को पत्र लिखकर आख्या मांगी गई है। यदि आडिट करने वाली फर्म की ओर से दिए गए मानचित्र में अनियोजित दर्शायी गई भूमि पर कोई नियोजन हुआ है तो उसका मानचित्र फर्म को उपलब्ध कराना होगा। नियोजन न होने पर कारण बताना होगा। - पीपी सिंह, मुख्य अभियंता जीडीए।