सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को मिलेगा राजपत्रित पद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी अब अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाडिय़ों को सीधे राजपत्रित अधिकारी के पद पर नौकरी दी जाएगी।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 12:21 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 12:28 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार खिलाडिय़ों का हौसला बढ़ाने के लिए काफी काम कर रही है। उत्तर प्रदेश में भी अब अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाडिय़ों को सीधे राजपत्रित अधिकारी के पद पर नौकरी दी जाएगी। ओलंपिक में पदक जीतने वालों को यह नौकरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा शनिवार को रीजनल स्पोट्र्स स्टेडियम में की। वह भारत भीम स्व. जनार्दन सिंह की स्मृति में आयोजित सीनियर स्टेट कुश्ती चैंपियनशिप के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
खिलाडिय़ों एवं खेल प्रेमियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खेलो इंडिया के जरिए खिलाडिय़ों को हर संभव सहायता उपलब्ध करा रही है। राज्य सरकार भी कई योजनाएं चला रही है। दो अक्टूबर को ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को छह करोड़ 45 लाख रुपये पुरस्कार स्वरूप दिए गए। होनहार पुरुष खिलाडिय़ों को लक्ष्मण पुरस्कार व महिला खिलाडिय़ों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है। इसमें तीन लाख 11 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान कर उनका हौसला बढ़ाया जाता है। राज्य सरकार की योजना के अनुसार ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर छह करोड़, रजत पदक जीतने पर चार करोड़, कांस्य पदक जीतने पर दो करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। राष्ट्रमंडल व एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने पर 50 लाख, रजत पदक जीतने पर 30 लाख, व कांस्य पदक जीतने पर 15 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी को 10 लाख रुपये तथा एशियन गेम्स व राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिभाग करने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि युवाओं में खेलों के प्रति अच्छा भाव जागृत हुआ है। किसी भी राष्ट्र की उन्नति अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में वहां के खिलाडिय़ों के प्रदर्शन से भी आंकी जाती है। विजेता खिलाडिय़ों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उम्मीद है कि ये खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नाम कमाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर की धरती ने कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहलवान दिए हैं। स्व. जनार्दन सिंह भी उनमें से एक थे। कुश्ती को बढ़ावा देने में उनका बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि खेल में जीत-हार तो लगी रहती है लेकिन जरूरी है कि पूरी क्षमता के साथ कोशिश की जाए। हारने वाले को परेशान होने की जरूरत नहीं, बल्कि पूरे उत्साह के साथ और अ'छा करने की कोशिश करनी चाहिए।
फरवरी में चालू हो जाएगी पिपराइच व मुंडेरवा चीनी मिल
इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने पिपराइच में निर्माणाधीन चीनी मिल का निरीक्षण कर बताया कि यह देश की सबसे आधुनिक चीनी मिल है। इसमें एक साथ कई सुविधाएं होंगी। यहां सल्फर युक्त चीनी और गन्ने के रस से एथेनॉल बनेगा। बिजली उत्पादन सयंत्र लगाने के साथ ही यहां जीरो लिक्विड डिस्चार्ज वाली डिस्टिलरी का निर्माण हो रहा है। फरवरी 2019 में पिपराइच के साथ ही मुंडेरवा (बस्ती) और रमाला (बागपत) की चीनी मिल चालू हो जाएगी।
निर्माण कार्य का जायजा लेने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश में चीनी का उत्पादन और गन्ने का रकबा बढ़ा है। सरकार गन्ना किसानों का पूरा ख्याल रख रही है। अभी तक 39 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान हो चुका है। पिछले वर्ष के बाकी करीब छह हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान 30 नवंबर तक कर दिया जाएगा। पैसा किसानों के खाते में जाएगा। 25 नवंबर तक प्रदेश की सभी 119 चीनी मिले चालू हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिपराइच चीनी मिल में मांग के अनुसार सल्फर फ्री चीनी बनेगी। इसके अलावा गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनेगा। प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र ने गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनाने की अनुमति देने के साथ ही इसकी कीमत प्रति लीटर 59 रुपये निर्धारित कर दी है। चीनी मिल में एथेनॉल बनने से पेट्रोल और डीजल की बचत होगी। सरकार जो धन ईंधन खरीदने में खर्च करती है उससे विकास कार्य होगा। करीब एक घंटे तक मुख्यमंत्री निर्माणाधीन पिपराइच चीनी मिल में मौजूद रहे। इस अवसर पर विधायक महेंद्र पाल सिंह, मंडलायुक्त अमित गुप्ता, जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन, एडीजी दावा शेरपा, आइजी जय नारायण सिंह, प्रधान प्रबंधक परियोजना एसके मेहरा, निगम के मुख्य अभियंता राजेश गुप्ता, वरिष्ठ सिविल अभियंता हेमन्त अग्रवाल, मुख्य गन्ना विकास सलाहकार एल.बी.वर्मा, चीनी मिल पिपराइच के प्रबंधक अम्बिका प्रसाद, चेयरमैन जितेंद्र जायसवाल, पूर्व प्रमुख आनंद शाही,राधेश्याम सिंह, वीरेंद्र पाठक, संघर्ष मणि, अष्टभुजा तिवारी आदि मौजूद रहें।
पिपराइच में बनेगा ओवरब्रिज
चीनी मिल परिसर में मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे भाजपा नेताओं ने रेलवे स्टेशन पर रोजाना लगने वाले जाम की समस्या से उन्हें अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों को पिपराइच में ओवरब्रिज के संबंध में योजना बनाने का निर्देश दिया।
खिलाडिय़ों एवं खेल प्रेमियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खेलो इंडिया के जरिए खिलाडिय़ों को हर संभव सहायता उपलब्ध करा रही है। राज्य सरकार भी कई योजनाएं चला रही है। दो अक्टूबर को ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को छह करोड़ 45 लाख रुपये पुरस्कार स्वरूप दिए गए। होनहार पुरुष खिलाडिय़ों को लक्ष्मण पुरस्कार व महिला खिलाडिय़ों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है। इसमें तीन लाख 11 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान कर उनका हौसला बढ़ाया जाता है। राज्य सरकार की योजना के अनुसार ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर छह करोड़, रजत पदक जीतने पर चार करोड़, कांस्य पदक जीतने पर दो करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। राष्ट्रमंडल व एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने पर 50 लाख, रजत पदक जीतने पर 30 लाख, व कांस्य पदक जीतने पर 15 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी को 10 लाख रुपये तथा एशियन गेम्स व राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिभाग करने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि युवाओं में खेलों के प्रति अच्छा भाव जागृत हुआ है। किसी भी राष्ट्र की उन्नति अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में वहां के खिलाडिय़ों के प्रदर्शन से भी आंकी जाती है। विजेता खिलाडिय़ों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उम्मीद है कि ये खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नाम कमाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर की धरती ने कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहलवान दिए हैं। स्व. जनार्दन सिंह भी उनमें से एक थे। कुश्ती को बढ़ावा देने में उनका बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि खेल में जीत-हार तो लगी रहती है लेकिन जरूरी है कि पूरी क्षमता के साथ कोशिश की जाए। हारने वाले को परेशान होने की जरूरत नहीं, बल्कि पूरे उत्साह के साथ और अ'छा करने की कोशिश करनी चाहिए।
फरवरी में चालू हो जाएगी पिपराइच व मुंडेरवा चीनी मिल
इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने पिपराइच में निर्माणाधीन चीनी मिल का निरीक्षण कर बताया कि यह देश की सबसे आधुनिक चीनी मिल है। इसमें एक साथ कई सुविधाएं होंगी। यहां सल्फर युक्त चीनी और गन्ने के रस से एथेनॉल बनेगा। बिजली उत्पादन सयंत्र लगाने के साथ ही यहां जीरो लिक्विड डिस्चार्ज वाली डिस्टिलरी का निर्माण हो रहा है। फरवरी 2019 में पिपराइच के साथ ही मुंडेरवा (बस्ती) और रमाला (बागपत) की चीनी मिल चालू हो जाएगी।
निर्माण कार्य का जायजा लेने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश में चीनी का उत्पादन और गन्ने का रकबा बढ़ा है। सरकार गन्ना किसानों का पूरा ख्याल रख रही है। अभी तक 39 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान हो चुका है। पिछले वर्ष के बाकी करीब छह हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान 30 नवंबर तक कर दिया जाएगा। पैसा किसानों के खाते में जाएगा। 25 नवंबर तक प्रदेश की सभी 119 चीनी मिले चालू हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिपराइच चीनी मिल में मांग के अनुसार सल्फर फ्री चीनी बनेगी। इसके अलावा गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनेगा। प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र ने गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनाने की अनुमति देने के साथ ही इसकी कीमत प्रति लीटर 59 रुपये निर्धारित कर दी है। चीनी मिल में एथेनॉल बनने से पेट्रोल और डीजल की बचत होगी। सरकार जो धन ईंधन खरीदने में खर्च करती है उससे विकास कार्य होगा। करीब एक घंटे तक मुख्यमंत्री निर्माणाधीन पिपराइच चीनी मिल में मौजूद रहे। इस अवसर पर विधायक महेंद्र पाल सिंह, मंडलायुक्त अमित गुप्ता, जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन, एडीजी दावा शेरपा, आइजी जय नारायण सिंह, प्रधान प्रबंधक परियोजना एसके मेहरा, निगम के मुख्य अभियंता राजेश गुप्ता, वरिष्ठ सिविल अभियंता हेमन्त अग्रवाल, मुख्य गन्ना विकास सलाहकार एल.बी.वर्मा, चीनी मिल पिपराइच के प्रबंधक अम्बिका प्रसाद, चेयरमैन जितेंद्र जायसवाल, पूर्व प्रमुख आनंद शाही,राधेश्याम सिंह, वीरेंद्र पाठक, संघर्ष मणि, अष्टभुजा तिवारी आदि मौजूद रहें।
पिपराइच में बनेगा ओवरब्रिज
चीनी मिल परिसर में मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे भाजपा नेताओं ने रेलवे स्टेशन पर रोजाना लगने वाले जाम की समस्या से उन्हें अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों को पिपराइच में ओवरब्रिज के संबंध में योजना बनाने का निर्देश दिया।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें