दीपावली में पूजे जाएंगे पंचद्रव्य से निर्मित गणेश-लक्ष्मी Gorakhpur News
पंचद्रव्य से गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति बनाने के लिए 14 स्वयं सहायता समूह को चिन्हित किया गया है। देश के सभी हिस्सों में मूर्ति व पूजन सामग्री उपलब्ध हो इसके लिए ऑनलाइन बिक्री होगी। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। इस दीपावली विशेष 'पंचद्रव्य से निर्मित गणेश-लक्ष्मी पूजे जाएंगे। देव प्रतिमाएं नदी की मिट्टी व गाय के गोबर में बेल फल का गूदा, पिसी उड़द दाल तथा तुलसी बीज के मिश्रण से तैयार होंगी। पूजन अवसर पर गाय के गोबर व मिट्टी से बने कुंड में हवन होगा और इसी से निर्मित दीप भी प्रज्ज्वलित होगें।
पांच जिलों की 14 स्वयं सहायता समूहों का चयन
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है। इसके लिए सिद्धार्थनगर समेत पांच जिलों की 14 स्वयं सहायता समूह का चयन किया है। इन्हें मूर्ति बनाने की कला के साथ ही पूजन सामग्री बनाना सिखाया गया है। प्रतापगढ़ की दो समूह ने उत्पादन शुरू भी कर दिया है। पूरे प्रदेश में 50 हजार मूर्ति व न्यूनतम पांच लाख दीप बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। सिद्धार्थनगर की समूहों को तीन हजार मूर्ति और न्यूनतम 20 हजार दीप बनाने की जिम्मेदारी मिली है। हवन कुंड कितने भी बनाए जा सकते हैं।
स्थानीय स्तर पर लगेंगे स्टाल
पंचद्रव्य से बनी मूर्तियों व अन्य सामान की बिक्री स्थानीय स्तर पर प्रशासन के सहयोग से स्टाल लगाकर की जाएगी। कलेक्ट्रेट, विकास भवन व ब्लाक परिसर में ग्रामीण आजीविका मिशन के स्टाल लगाए जाएंगे।
150 रुपये में ऑनलाइन मिलेगी मूर्ति
पंचद्रव्य से बने गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति ऑनलाइन भी बिकेगी। आजीविका मिशन ने ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट से करार किया है। 150 रुपये में मूर्ति की बिक्री तय हुई है। इसके अलावा हवन कुंड व पूजन सामग्री भी फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध होगी। नवरात्र से बिक्री शुरू करने की योजना है। उत्तर प्रदेश राज्य आजीविका मिशन के राज्य परियोजना प्रबंधक आचार्य शेखर का कहना है कि पंचद्रव्य से गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति बनाने के लिए 14 स्वयं सहायता समूह को चिन्हित किया गया है। देश के सभी हिस्सों में मूर्ति व पूजन सामग्री उपलब्ध हो, इसके लिए ऑनलाइन बिक्री होगी। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।