फर्जी नियुक्ति मामले में एसटीएफ को सौंपा आधा दर्जन शिक्षकों का ब्योरा
देवरिया में वित्तपोषित विद्यालयों में तैनात शिक्षकों का मांगा गया था विवरण।
देवरिया, जेएनएन। परिषदीय विद्यालयों के साथ ही एसटीएफ ने दर्जन भर वित्तपोषित अशासकीय विद्यालयों में भी फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी है। जल्द ही इन विद्यालयों में तैनात फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा कसेगा। पिछले माह एसटीएफ ने लघु माध्यमिक विद्यालय टीकमपार, हमिदिया गर्ल्स जूनियर हाईस्कूल मझौलीराज, उग्रसेन लघु माध्यमिक विद्यालय शाहपुर पुरैनी समेत आधा दर्जन विद्यालयों के छह शिक्षकों का ब्योरा मांगा था। बेसिक शिक्षा विभाग ने उन शिक्षकों का विवरण एसटीएफ को भेज दिया है।
इससे पहले भी आधा दर्जन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रबंधतंत्र की भूमिका भी आएगी सामने वित्तपोषित अशासकीय विद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करने वालों की तादाद भी अच्छी खासी है। इधर जबसे एसटीएफ फर्जी शिक्षकों के मामले की जांच कर रही है, इसकी शिकायतें भी पहुंचने लगी हैं। विभागीय लोगों का कहना है कि इन विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में प्रबंधतंत्र के अलावा बीएसए की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पिछली सरकारों में नियुक्ति में जमकर खेल हुआ है, जो जगजाहिर है।
एसटीएफ इसकी निष्पक्षता से जांच कर ले, तो कई चेहरे बेनकाब होंगे। पांच माह पहले एसटीएफ ने किया था गिरफ्तार एसटीएफ की गोरखपुर इकाई ने 19 फरवरी को गोरखपुर कैंट क्षेत्र में चार फाटक ओवरब्रिज के पास से पथरदेवा क्षेत्र स्थित लघु माध्यमिक विद्यालय पुरैनी के शिक्षक सतीश चंद मिश्र उर्फ राजू को गिरफ्तार किया था। उसने फर्जी डिग्री पर नौकरी हासिल की थी। पूछताछ में दो अन्य विद्यालयों में फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे 17 शिक्षकों के बारे में भी जानकारी दी थी। एसटीएफ ने अभी तक एक दर्जन वित्तपोषित विद्यालयों के बारे में जानकारी मांगी है, जिसे उपलब्ध करा दिया गया है। जांच के बाद एसटीएफ कार्रवाई करेगी। प्रकाश नारायण श्रीवास्तव, बीएसए