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आज से गोरखपुर के रास्ते इन रूटों पर चलेंगी आठ क्लोन स्पेशल ट्रेनें Gorakhpur News

गोरखपुर के रास्ते बिहार से दिल्ली क्षेत्र में जाने वाली आठ क्लोन स्पेशल ट्रेनों का संचालन 21 सितंबर से शुरू हो जाएगा। टिकटों की बुकिंग शुरू हो गई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 12:30 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 09:52 PM (IST)
आज से गोरखपुर के रास्ते इन रूटों पर चलेंगी आठ क्लोन स्पेशल ट्रेनें Gorakhpur News
आज से गोरखपुर के रास्ते इन रूटों पर चलेंगी आठ क्लोन स्पेशल ट्रेनें Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के रास्ते बिहार से दिल्ली क्षेत्र में जाने वाली क्लोन स्पेशल ट्रेनों का संचालन 21 सितंबर से शुरू हो जाएगा। सामान्य स्पेशल की तरह क्लाेन ट्रेनों में भी सिर्फ आरक्षित कंफर्म टिकटों पर ही यात्रा की अनुमित होगी। ट्रेनों के टिकटों की बुकिंग शुरू हो गई है। शनिवार को रेलवे आरक्षण कार्यालयों से 02564 नई दिल्ली- सहरसा क्लोन स्पेशल में 560 तथा 02569 दरभंगा- नई दिल्ली में 525 टिकट बुक हुए थे। ट्रेनों का किराया हमसफर की तर्ज पर लग रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे से होकर कुल आठ क्लोन ट्रेनें चलाई जानी हैं, जिसमें गोरखपुर के रास्ते चार जोड़ी ट्रेनें चलेंगी। ट्रेनों को निर्बाध गति से चलाने के लिए रेलवे प्रशासन ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। अभी ट्रेनों का प्लेटफार्म निर्धारण नहीं हो पाया है। गोरखपुर से बनकर कुल नौ स्पेशल ट्रेनें पहले से ही चल रही हैं।

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गोरखपुर के रास्ते चलने वाली क्लोन स्पेशल ट्रेनें

02563 सहरसा- नई दिल्ली क्लोन स्पेशल 21 सितंबर से रोजाना सुबह 5.00 बजे रवाना होगी। बरौनी, छपरा के रास्ते गोरखपुर से दोपहर बाद 3.15 बजे छूटकर ऐशबाग, कानपुर होते हुए दूसरे दिन सुबह 5.10 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

02564 नई दिल्ली- सहरसा क्लोन स्पेशल 22 सितंबर से रोजाना दोपहर 1.30 बजे रवाना होगी। कानपुर, ऐशबाग होते हुए गोरखपुर से दूसरे दिन सुबह 7.10 बजे छूटकर छपरा, बरौनी के रास्ते शाम को 6.15 बजे सहरसा पहुंचेगी।

02569 दरभंगा- नई दिल्ली क्लोन स्पेशल 21 सितंबर से रोजाना सुबह 6.60 बजे रवाना होगी। समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, छपरा होते हुए गोरखपुर से दोपहर बाद 2.30 बजे छूटकर ऐशबाग, कानुपर के रास्ते दूसरे दिन सुबह 4.00 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

02570 नई दिल्ली- दरभंगा क्लोन स्पेशल 22 सितंबर से रोजाना दोपहर 12.15 बजे रवाना होगी। कानपुर, ऐशबाग के रास्ते गोरखपुर से रात 12.55 बजे छूटकर छपरा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर के रास्ते दूसरे दिन सुबह 9.30 बजे दरभंगा पहुंचेगी।

04653 न्यू जलपाईगुडी- अमृतसर क्लोन स्पेशल 25 सितंबर से प्रत्येक शुक्रवार को सुबह 7.00 बजे रवाना होगी। कटिहार, समस्तीपुर, छपरा के रास्ते गोरखपुर से रात 8.55 बजे से छूटकर मुरादाबाद होते हुए दूसरे दिन शाम 4.20 बजे अमृतसर पहुंचेगी।

04654 अमृतसर- न्यूजलपाईगुडी क्लोन स्पेशल 23 सितंबर से प्रत्येक बुधवार को सुबह 8.400 बजे रवाना होगी। सहारनपुर, मुरादाबाद, सीतापुर के रास्ते गोरखपुर से दूसरे दिन सुबह 4.05 बजे छूटकर छपरा, समस्तीपुर, कटिहार होते हुए शाम 5.45 बजे न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचेगी।

02573 मुजफ्फरपुर- आनन्दविहार टर्मिनस क्लोन स्पेशल 27 सितंबर से प्रत्येक रविवार को सुबह 9.40 बजे से रवाना होगी। गोरखपुर से शाम 5.20 बजे से छूटकर लखनऊ, मुरादाबाद होते हुए दूसरे दिन सुबह 4.45 बजे आनंदविहार टर्मिनस पहुंचेगी।

02574 आनन्दविहार टर्मिनस- मुजफ्फरपुर क्लोन स्पेशल 28 सितंबर से प्रत्येक सोमवार को दोपहर 12 बजे से रवाना होगी। यह ट्रेन मुरादाबाद, लखनऊ के रास्ते होकर गोरखपुर से रात 2.05 बजे छूटकर सुबह 10.30 बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी।

स्टेशन पर पहुंचते ही सैनिटाइज होंगी स्पेशल ट्रेनें

अब स्टेशन पर पहुंचने के बाद स्पेशल ट्रेनें पूरी तरह सैनिटाइज की जाएंगी। इसके बाद ही उनकी वापसी होगी। गंतव्य पर पहुंचने के बाद वापसी तक ट्रेन में ही अपना समय गुजारने वाले एसी और इलेक्ट्रिक स्टाफ को स्टेशन पर ही ठहरने और खाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह नई व्यवस्था जल्द ही पूर्वोत्तर सहित भारतीय रेलवे में लागू हो जाएगी। रेलवे बोर्ड ने समस्त जोन को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। नियमानुसार 4500 किमी चलने के बाद ही ट्रेनों की वाशिंग पिट में धुलाई और सफाई होती है। ऐसे में अधिकतर ट्रेनें गंतव्य पर पहुंचने के बाद वाशिंग पिट में न जाकर प्लेटफार्म से ही वापस हो जाती हैं। ट्रेन के साथ चलने वाली एसी और इलेक्ट्रिक स्टाफ भी ट्रेन में ही रह जाते हैं। ऐसे में कोरोना काल में भी बोगियों की पूरी तरह सफाई नहीं नहीं हो पाती। स्टाफ भी नाश्ता और भोजन को लेकर परेशान रहते हैं।

बढ़ते संक्रमण के बीच उनकी परेशानियां और बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने एसी और इलेक्ट्रिक स्टाफ को भी स्टेशन पर स्थित चल टिकट परीक्षक (टीटीई) के रनिंग रूम में ठहरहने और खाने की सुवधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। रनिंग रूम में खाने और ठहरने की व्यवस्था हो जाने से एसी और इलेक्ट्रिक स्टाफ को सुविधा तो मिलेगी ही ट्रेन की पूरी बोगियां भी खाली हो जाएंगी। इससे पूरी ट्रेन को सैनिटाइज करने में सहूलियत होगी। लंबी दूरी की ट्रेनों में लगभग आधा दर्जन एसी और इलेक्ट्रिक स्टाफ चलता है। स्टेशनों के रनिंग रूम में ठहरने और रसोई घर की की व्यवस्था होती है। सामग्री देने या आर्डर करने पर रनिंग रूम में तैनात रसोइये गरमागरम भोजन भी उपलब्ध करा देते हैं।


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