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    खुशखबरी: गोरखपुर AIIMS में मधुमेह, किडनी-लिवर की जांच अब मुफ्त

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 03:39 PM (IST)

    गोरखपुर एम्स में मरीजों के लिए खून और यूरिन की जांच मुफ्त कर दी गई है, जिसमें मधुमेह, किडनी और लिवर जैसी महत्वपूर्ण जांचें शामिल हैं। 10 दिसंबर से एम् ...और पढ़ें

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    109 तरह की खून व यूरिन की जांच एम्स की पैथोलाजी में शुरू। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एम्स प्रशासन ने रोगियों की सहूलियत के लिए बहुत बड़ी योजना शुरू कर दी है। आमतौर पर रोगियों की कराई जाने वाली खून व यूरिन की जांच अब मुफ्त हो गई है। इसमें दो सौ रुपये तक में होने वाली मधुमेह, किडनी, लिवर, यूरिक एसिड आदि जांच शामिल हैं।

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    दो सौ रुपये से ज्यादा दर की खून व पेशाब की जांच का भी रेट कम होगा। इसकी सूची बनाई जा रही है। 10 दिसंबर से एम्स के पैथोलाजिस्ट सभी तरह की खून व पेशाब की जांच शुरू कर देंगे। इसके बाद निजी कंपनी हिंद लैब जांच का काम बंद कर डायग्नोस्टिक सेवाएं देगी।

    एम्स प्रशासन ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि दिसंबर से खून व यूरिन की सभी जांच एम्स के पैथोलाजिस्ट करेंगे। एम्स की स्थापना से लगायत अब तक यह जांच निजी कंपनी हिंद लैब कर रही है। हिंद लैब ने अपनी मशीन लगाने के साथ ही कर्मचारियों को भी तैनात किया है। कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डा. विभा दत्ता ने योजनाबद्ध तरीके से काम करते हुए मशीन व रीजेंट्स की व्यवस्था कराई।

    इसके बाद बायोकेमिस्ट्री से जुड़ी 109 तरह की जांच एम्स की लैब में शुरू करा दी। अब बची जांच नौ दिसंबर तक ही हिंद लैब में होगी। एम्स में ही जांच शुरू होने का लाभ न सिर्फ रोगियों वरन पढ़ाई कर रहे मेडिकल छात्रों व डाक्टरों को होगा। मेडिकल छात्र खून की जांच से जुड़ी जानकारी आसानी से हासिल कर सकेंगे। इसका लाभ रोगियों को मिलेगा।

    एम्स प्रशासन की हो जाएगी सीधी निगरानी
    लैब में जांच शुरू होने के बाद एम्स प्रशासन की सीधी निगरानी हो जाएगी। लैब में दिक्कतों को तत्काल दूर करने की व्यवस्था के साथ ही उत्कृष्ट जांच की सुविधा और सुदृढ़ हो जाएगी। अभी हिंद लैब में निजी कर्मचारियों व डाक्टरों के माध्यम से जांच कर रिपोर्ट दी जाती है। एम्स प्रशासन का हस्तक्षेप होने के बाद रिपोर्ट को लेकर जवाबदेही भी ज्यादा बढ़ जाएगी।

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    रोगियों को होगा बहुत फायदा
    कई महत्वपूर्ण जांच मुफ्त होने का फायदा रोगियों को मिलेगा। जरूरतमंद रोगियों के जेब पर बोझ कम होगा। इससे पहले कार्यकारी निदेशक ने पंजीकरण शुल्क में कटौती करते हुए समयसीमा भी बढ़ा दी थी। इससे रोगियों को बहुत लाभ हो रहा है। रोगियों व स्वजन का कहना है कि एम्स जैसे उत्कृष्ट संस्थान में कम से कम खर्च में उपचार से राहत मिल रही है। यही वजह है कि एम्स में रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

    रोगियों की सहूलियत के लिए खून व यूरिन से जुड़ी कई जांच एम्स की पैथोलाजी में शुरू करा दी गई है। 10 दिसंबर से सभी जांच एम्स में ही होगी। इससे रोगियों के जेब पर बोझ कम पड़ेगा और उत्कृष्ट उपचार से वह जल्द से जल्द स्वस्थ होंगे।

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    -मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डा. विभा दत्ता, कार्यकारी निदेशक, एम्स।