गोरखपुर में एसटीएफ की रडार पर डुप्लीकेट प्रमाण पत्र वाले शिक्षक Gorakhpur News
गोरखपुर में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिये नौकरी कर रहे शिक्षकों को दबोचने के लिए एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है। उसने विभाग से कुछ कागजात भी मांगी है।
By Edited By: Published: Mon, 01 Jul 2019 03:31 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 03:59 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग में एक बार फिर फर्जी शिक्षकों की जांच नए सिरे से शुरू होने जा रही है। जिले में नौकरी के दौरान पैन कार्ड बदलने वाले व मूल की जगह डुप्लीकेट (द्वितीय प्रति) प्रमाण पत्र लगाने वाले शिक्षकों के बारे में आइजी एसटीएफ की ओर से जानकारी मांगी गई है।
विभाग जल्द ही जानकारी उपलब्ध कराएगा। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों को लेकर शासन का रुख काफी सख्त है। फर्जी शिक्षकों की पहचान के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी का गठन भी किया गया था। इस कमेटी में एडी बेसिक को सचिव बनाया गया था। प्रशासन व पुलिस विभाग से एक-एक अधिकारी कमेटी में शामिल थे। कमेटी को 2010 से अब तक तैनात शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच करनी थी, लेकिन कतिपय कारणों से प्रभावी जांच नहीं हो सकी। हाल ही में आइजी एसटीएफ ने पत्र लिखकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से डुप्लीकेट प्रमाण पत्र लगाने वाले व पैन कार्ड बदलने वाले शिक्षकों का विवरण मांगा गया है।
खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर विवरण उपलब्ध कराने को कहा गया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो पैन कार्ड बदलने के करीब एक दर्जन मामले हैं, और डुप्लीकेट प्रमाण पत्र लगाने वालों की संख्या अधिक है। इसमें दूसरे के प्रमाण पत्रों के दुरुपयोग के मामले भी प्रकाश में आ सकते हैं। विवरण मिलान के बाद एसटीएफ इन मामलों की गहराई से जांच करेगी। एक ही पैन नंबर के इस्तेमाल से पकड़े गए कई शिक्षक जिले में पिछले सात महीने में करीब डेढ़ दर्जन शिक्षक पकड़े गए हैं, जो दूसरे के पैन नंबर का इस्तेमाल कर रहे थे, उनके प्रमाण पत्र जांचे गए तो वह भी फर्जी मिले।
ऐसे शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। पर, फर्जीवाड़ा करने वाले जालसाज पुलिस व विभाग की पकड़ से दूर हैं। एसटीएफ पुराने मामलों की भी जांच कर सकती है। एसटीएफ को जल्द ही उपलब्ध होंगी सूचनाएं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायाण सिंह का इस संबंध में कहना है कि एसटीएफ की ओर से जानकारी मांगी गई है। सभी ब्लॉकों से सूचना जुटाई जा रही है। जल्द ही एसटीएफ को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
विभाग जल्द ही जानकारी उपलब्ध कराएगा। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों को लेकर शासन का रुख काफी सख्त है। फर्जी शिक्षकों की पहचान के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी का गठन भी किया गया था। इस कमेटी में एडी बेसिक को सचिव बनाया गया था। प्रशासन व पुलिस विभाग से एक-एक अधिकारी कमेटी में शामिल थे। कमेटी को 2010 से अब तक तैनात शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच करनी थी, लेकिन कतिपय कारणों से प्रभावी जांच नहीं हो सकी। हाल ही में आइजी एसटीएफ ने पत्र लिखकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से डुप्लीकेट प्रमाण पत्र लगाने वाले व पैन कार्ड बदलने वाले शिक्षकों का विवरण मांगा गया है।
खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर विवरण उपलब्ध कराने को कहा गया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो पैन कार्ड बदलने के करीब एक दर्जन मामले हैं, और डुप्लीकेट प्रमाण पत्र लगाने वालों की संख्या अधिक है। इसमें दूसरे के प्रमाण पत्रों के दुरुपयोग के मामले भी प्रकाश में आ सकते हैं। विवरण मिलान के बाद एसटीएफ इन मामलों की गहराई से जांच करेगी। एक ही पैन नंबर के इस्तेमाल से पकड़े गए कई शिक्षक जिले में पिछले सात महीने में करीब डेढ़ दर्जन शिक्षक पकड़े गए हैं, जो दूसरे के पैन नंबर का इस्तेमाल कर रहे थे, उनके प्रमाण पत्र जांचे गए तो वह भी फर्जी मिले।
ऐसे शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। पर, फर्जीवाड़ा करने वाले जालसाज पुलिस व विभाग की पकड़ से दूर हैं। एसटीएफ पुराने मामलों की भी जांच कर सकती है। एसटीएफ को जल्द ही उपलब्ध होंगी सूचनाएं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायाण सिंह का इस संबंध में कहना है कि एसटीएफ की ओर से जानकारी मांगी गई है। सभी ब्लॉकों से सूचना जुटाई जा रही है। जल्द ही एसटीएफ को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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