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फर्जी अभिलेखों पर नौकरी कर रहे चार शिक्षक बर्खास्त Gorakhpur News

देवरिया के बीएसए ने फर्जी अंकपत्र व प्रमाण पत्र तैयार कर नौकरी हथियाने वाले चार शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 01:53 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 07:13 AM (IST)
फर्जी अभिलेखों पर नौकरी कर रहे चार शिक्षक बर्खास्त Gorakhpur News
फर्जी अभिलेखों पर नौकरी कर रहे चार शिक्षक बर्खास्त Gorakhpur News

देवरिया, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। बीएसए ने   फर्जी अंकपत्र व प्रमाण पत्र तैयार कर नौकरी हथियाने वाले चार शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। भागलपुर विकास खंड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय करौता में सहायक अध्यापक संयोगिता देवी ने फर्जी व कूटरचित बीएड अंकपत्र व प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल की थी। इसी तरह लार के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामनगर में सहायक अध्यापक सचिन कुमार गुप्ता स्नातक व बीएड के फर्जी अंकपत्र व प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे थे। सलेमपुर विकास खंड पूर्व माध्यमिक विद्यालय चेरो में सहायक अध्यापक दीवान बहादुर ने भी स्नातक व बीएड के फर्जी व कूटरचित अंकपत्र व प्रमाण पत्र पर नौकरी हासिल की थी। भागलपुर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय चकिया शुक्ल में सहायक अध्यापक अनिल कुमार वर्मा ने स्नातक योग्यता से संबंधित प्रमाणपत्र बीएसए कार्यालय को प्राप्त नहीं कराया। बार बार नोटिस दिए जाने के बाद प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया।

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सीबीआइ के रडार पर कई अफसर व कर्मचारी

उधर, बालू के अवैध खनन की जांच कर रही सीबीआइ ने कई महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई है। अभिलेखों के अलावा चार वर्ष में तैनात रहे अफसरों व कर्मचारियों की सूची भी साथ ले गई है। पूर्व में जांच करने आई सीबीआइ टीम के पास तीन पट्टों की मूूल पत्रावली होने से विवेचक को यह पत्रावली उपलब्ध नहीं हो सकी है।

डीएम, एडीएम पर दर्ज हैं मुकदमें

जनपद में हुए अवैध खनन के मामले में तत्कालीन डीएम विवेक व एडीएम डीएस उपाध्याय समेत आठ लोगों पर दर्ज मुकदमे की विवेचना में तेजी आ गई है। विवेचना कर रहे सीबीआइ नई दिल्ली के विवेचक इंस्पेक्टर लोकेंद्र ङ्क्षसह नेगी ने कई ङ्क्षबदुओं पर जानकारी जुटाई है। उन्होंने एक जनवरी 2012 से 21 दिसंबर 2015 तक जनपद में तैनात रहे डीएम, एडीएम व खान अधिकारी/निरीक्षक, खनिज लिपिक की सूची मांगी थी, जिसे उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा 31 जनवरी 2012 के बाद जांच से संबंधित फ्रेस पट्टा, नवीनीकरण पट्टा, बाधित अवधि पट्टा का विवरण भी उपलब्ध कराया गया। छोटी गंडक नदी के कोटवा से रतनपुरा, सबबत गांव के सामन से अहिरौली हरपुर तक, एनएच पुल से दक्षिण देवरिया कुशीनगर सीमा तक के पट्टा संबंधी सभी अभिलेख उपलब्ध कराए गए हैं लेकिन मूल पत्रावली उपलब्ध नहीं हो पाई है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व प्रभारी अधिकारी खनिज ने उन्हें अवगत कराया है कि तीनों क्षेत्रों से संबंधित मूल पत्रावलियां सीबीआइ नई दिल्ली के एसआइ पीके त्रिपाठी को 24 जून 2019 को उपलब्ध कराई गई है। इस संबंध में खनन अधिकारी उमाकांत ने बताया कि जो भी सूचनाएं सीबीआइ ने मांगी थी, उसे उपलब्ध कराया गया है।


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