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रेलवे के 'तत्‍काल' में खेल करने वाले चार जालसाज गिरफ्तार, ऐसे हैक करते थे रेलवे की साइट

ट्रेनों के तत्काल टिकट के लिए रेलवे की साइट हैक करने वाले गिरोह के सरगना समेत चार सदस्यों को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया है। यह गिरोह उत्‍तर प्रदेश बिहार के साथ ही पूरे देश भर में सक्रिय था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 02:24 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 01:51 AM (IST)
रेलवे के 'तत्‍काल' में खेल करने वाले चार जालसाज गिरफ्तार, ऐसे हैक करते थे रेलवे की साइट
रेलवे की साइट हैक करने वाले चार जालसाजों को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

देवरिया, जेएनएन। तत्काल टिकट के लिए रेलवे की साइट हैंग करने वाले गिरोह के सरगना समेत चार सदस्यों को नोयडा से रविवार की रात आरपीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। सीआइबी (क्राइम इंटेलीजेंस ब्रांच) भटनी के इनपुट के जरिये यह पूरी कार्रवाई आरपीएफ ने पूरी की है। इनके पास से आधा दर्जन प्रतिबंधित साफ्टवेयर व तत्काल ई-टिकट भी बरामद किया गया है। यह गिरोह यूपी, बिहार के साथ ही पूरे देश में सक्रिय था। नोयडा के उस इंस्टीट्यूट को आरपीएफ ने सील करने के लिए अपनी रिपोर्ट भी मजिस्ट्रेट को दे दी है।

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सीआइबी भटनी कर रही है जांच

बलिया जनपद के बांसडीह थाना क्षेत्र के ग्राम पिंडहरा निवासी अवनीश शर्मा को सीआइबी भटनी ने एक दिन पूर्व गिरफ्तार किया तो उसने रैकेट का राज उगल दिया। सीआइबी भटनी के प्रभारी संजय कुमार राय ने आरपीएफ गाजियाबाद के प्रभारी निरीक्षक पीके नाडयू व प्रभारी निरीक्षक सफदरगंज नितिन मेहरा को पूरा इनपुट उपलब्ध कराया। जिसके बाद देर रात आरपीएफ की टीम ने ग्लाेबल इंडस्टीटयूट सूरजपुर साइट सीएच ब्लाक मेन रोड दादरी ग्रेटर नोयडा में छापेमारी की। इस दौरान टीम ने रुपेश रावत निवासी छपरा बिहार, अनिल यादव निवासी छपरा, सादानी अली, बादल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से पूरी जानकारी आरपीएफ ने जुटाया है और गिरोह में शामिल सदस्यों की गिरफ्तारी में जुट गई है।

अनिल यादव है इस रैकेट का सरगना

सादान अली साफ्टवेयर वेब डिजाइन है और आइपी यूनिवर्सिटी से बीसीए किया हुआ है। अनिल यादव इस रैकेट का सरगना है, जबकि बादल सिंह व रुपेश यादव दोनों एजेंट के रुप में काम करते हैं और आनलाइन साफ्टवेयर बेचते हैं। इनके पास से मिरकल तत्काल, ओरेंज व ब्लैक बोल्ट प्रतिबंधित साफ्टवेयर का लिंक व सीडी भी मिला है। 

10 हजार रुपये की लागत से बना है साफ्टवेयर 

सादान अली साफ्टवेयर बनाने का काम करता है, अनिल यादव और उसके सहयोगियों को दस हजार रुपये की लागत में साफ्टवेयर बनाकर दिया जाता है। इनके पास से छह रेलवे आरक्षित लाइव ई-टिकट समेत अन्य सामान भी बरामद किया गया है। 

ऐसे करते हैं यह काम 

अनिल यादव इस गिरोह का सरगना है, उसने डोमेन Hostinger.com व Godaddy.com पर एक नई फेक वेबसाइट सादान अली से बनवाई, जिस पर दिए गए नंबरों पर किसी ट्रैवेल्स एजेंट द्वारा कॉल या व्हाट्सएप के माध्यम से उनके मोबाइल नंबर पर तत्काल सॉफ्टवेयर खरीदने के बाबत संपर्क किया जा सकता था। संपर्क करने वाले एजेंट से वे सॉफ्टवेयर डेमो के लिए 100 से 1000 की मांग करते थे तथा पेटीएम के माध्यम से भुगतान प्राप्त करने के बाद उन लोगों द्वारा उक्त एजेंटों के मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया जाता।

अपलोड किए गए तत्काल वेबसाइट के नाम

tatkaltrip.in

tbsoftware.com

bookingsoftware.com

itatkalwala.com

tatkalsotwaregroup.in

toptatkalsoftwer.wixsite.com

tatkalzone.in

उपरोक्त वेबसाइट पर इनके द्वारा दिखाए जाने वाले सॉफ्टवेयर मिरिकल, ऑरेंज, वी 3 सॉफ्टवेयर, एएनएमएस, रेड मिर्ची, रियल मैंगो, रियर मैंगो, ब्लैक वर्ल्ड, रेड बुल हैं। 

सीआइबी प्रभारी संजय कुमार राय ने कहा कि एक मुकदमा बलिया आरपीएफ में इनके खिलाफ दर्ज कराया गया है। दूसरा मुकदमा गाजियाबाद आरपीएफ में दर्ज कराया जाएगा। सीआइबी व आरपीएफ की यह बड़ी कार्रवाई है।


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