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अनियमितता में फंसे बरहज के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष, शासन ने मांगा स्पष्टीकरण

देवरिया जिले में सरयू नदी की धारा मोड़ने के लिए चार साल पहले सिल्ट सफाई के नाम पर लाखों रुपये भुगतान के मामले में नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अजीत जायसवाल फंस गए हैं। जिला प्रशासन ने वित्तीय अनियमितता की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट शासन को भेजा था।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 10:49 AM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 10:49 AM (IST)
अनियमितता में फंसे बरहज के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष, शासन ने मांगा स्पष्टीकरण
अनियमितता के मामले में फंसे बरहज के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष। प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : देवरिया जिले में सरयू नदी की धारा मोड़ने के लिए चार साल पहले सिल्ट सफाई के नाम पर लाखों रुपये भुगतान के मामले में नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अजीत जायसवाल फंस गए हैं। जिला प्रशासन ने वित्तीय अनियमितता की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट शासन को भेजा था। शासन ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। डीएम की तरफ से नोटिस तामिला करा दिया गया है।

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अमरेंद्र गुप्ता ने की थी अनियमितता की शिकायत

बरहज के रहने वाले अमरेंद्र गुप्ता ने वर्ष 2017 में बरहज के तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष अजीत जायसवाल पर मुक्तिधाम के निर्माण के समय पर्यावरण व खनन विभाग से अनुमति लिए बगैर सरयू नदी की धारा मोड़ने के नाम पर लाखों रुपये की अनियमितता की शिकायत की थी। उन्होंने बिना टेंडर के सिर्फ कोटेशन की कार्रवाई करते हुए लाखों रुपये फर्जी भुगतान कराने व नदी की खोदाई में निकले बालू को अवैध ढंग से बिक्री कर राजस्व की क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया था।

जांच में हुई अनियमितता की पुष्टि

शासन के निर्देश पर हुई जांच में अनियमितता की पुष्टि हुई है। शासन ने नदी के सिल्ट सफाई के लिए खनन व पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र न लेने व 2016 में छह लाख रुपये आंशिक भुगतान करने पर सवाल उठाया है। साथ ही ठीकेदार की तरफ से प्रस्तुत कैशमेमो बिल पर 10 लाख 43 हजार 430 रुपये भुगतान करने को वित्तीय अनियमितता माना है। जमानत राशि दस हजार रुपये तय करने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस्टीमेट की धनराशि का दस फीसद जमानत राशि होनी चाहिए। निविदा एनआइसी की वेबसाइट पर अपलोड नहीं करने, पांच लाख से अधिक लागत की निविदा डीएम कार्यालय में डीएम की तरफ से नामित सक्षम प्राधिकारी के समक्ष खोलने को शासनादेश का उल्लंघन माना है। नगर विकास अनुभाग छह की तरफ से सात सितंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

नोटिस तामिला करा दिया गया, अब होगी आगे की कार्रवाई

देवरिया के डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि वित्तीय अनियमितता के मामले में शासन ने पूर्व अध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस तामिला करा दिया गया है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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